कानपुर

…तो अब्बू मैं ईद से पहले ही मर जाऊंगा

बेटे की दोनों किडनी डैमेज होने के चलते गरीब पिता मासूम के साथ मांग रहा भीख, पीएम-सीएम से इलाज कराए जाने की लगाई गुहार

कानपुरMay 23, 2018 / 06:46 pm

Vinod Nigam

…तो अब्बू मैं ईद से पहले ही मर जाऊंगा

कानपुर। जिस उम्र में बच्चे दुनियादारी से अंजान मस्ती करते हैं। पढ़ लिखकर अपना और अपने परिवार का रोशन करते हैं, वहीं कानपुर के बर्रा निवासी एक चौदह साल का मासूम जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा है। डॉक्टरों ने इलाज के लिए 25 लाख रूपए की व्यवस्था करने को कहा है, पर कपड़े का ठेला लगाकर दो वक्त की रोजी-रोटी कमाने वाला पिता बेटे के दर्द को देखकर आंसू बहा रहा है। बच्चे के साथ मिंदर, मस्दिज, गुरूवारे जाकर बच्चे के इलाज के लिए भीख मांगता है तो रईस, खादीधारी और ब्यूरोकेट्स के दर पर जाकर मदद की गुहार लगा रहा है। लेकिन हर जगह से उसे मायूसी ही हाथ लगी। अखबारों और टीवी में पीएम मोदी और सीएम योगी के किस्से सुन बच्चा गले में उनकी तस्वीर लगा दादा और चाचा से इलाज करवाए जाने की गुहार लगा रहा है। कहीं से सुनवाई नहीं होने पर मासूम थक-हार कर पिता की गोद पर सिर रख कर फफक-फफक कर रोने लगता है और कहता है कि अब्बू किसी ने मदद नहीं दी। जिंदगी के महज 19 दिन शेष बचे हैं, अब मैं जिंदा नहीं बचूंगा, ईद से पहले ही मर जाऊंगा।
दोनों किड़नी डैमेज
शहर के बर्रा छह निवासी मोहम्मद सलीम कपड़े का ठेला लगाकर अपना और अपने बेटे आसिफ (14) का गुजर बसर करते हैं। बेटा पढ़ाई-लिखाई में अव्वल था तो उन्होंने उसे सरकारी स्कूल से निकाल प्राइवेट स्कूल में दाखिला दिला दिया। कक्षा आठवीं में स्कूल टॉप कर प्रथम श्रृणी में परीक्षा उत्तीर्ण कर पिता का सीना चौड़ा करता है। आसिफ पढ़ लिखकर आईएएस अफसर बनना चाहता है पर उसके सपने को ऊपरवाले ने कचनाचूर कर दिया। चार साल पहले उसके पेट में दर्द हुआ तो पिता ने डॉक्टर को दिखाया। कई माह इलाज चला पर दवा से आराम नहीं मिला। डॉक्टर ने जांच कराई तो आसिफ की दोनों किड़ी डैमेज बताई। यह सुन गरीब पिता के पैरों के तले से जमीन खिसक गई। मोहम्म्द सलीम ने बताया कि जब हमने बेटे के इलाज के लिए डॉक्टर से कहा तो उन्होंने ऑपरेशन कर किडनी ट्रांसप्लेट करने को कहा। ऑपरेशन का पूरा खर्चा 25 लाख रूपए बताया।
तीन साल पहले पत्नी की हो गई थी मौत
मोहम्म्द सलीम बताते हैं कि उनकी पत्नी उज्मा की तीन साल पहले मौत हो गई थी। वे अकेले ही बड़े बेटे अनस, बेटी कंचन और सबसे छोटे बेटे आसिफ (14) के साथ रहते हैं। सलीम ने बताया, “मेरे छोटे बेटे आसिफ की दोनों किडनियां खराब हो गई हैं। जितना कमाता हूं, पूरा उसके इलाज में खर्च हो जाता है। परिवार की आर्थिक स्थित बेहद ख़राब हो गई है। दो वक्त की रोटी भी मुश्किल से नसीब होती है। जब से यह बात रिश्तेदारों को पता चली है, तब से उन्होंने भी मुंह फेर लिया है। आसिफ का परिवार सड़क पर भीख मांगने को मजबूर हो गया है। इसी वजह से उन्होंने पीएम और सीएम से मदद की गुहार लगाई है। मासूम आसिफ गले में तख्ती लटकाकर भीख मांग रहा है, जिस पर लिखा है मोदी दादा, योगी चाचा..मैं मरना नहीं चाहता। मुझे बचा लीजिए। आपका अपना आसिफ।
20 दिन जिंदगी के बचे शेष
आसिफ के पिता ने बताया, इसकी किडनी में इन्फेक्शन था, जिसका इलाज कानपुर के डॉक्टर निर्भय कुमार कर रहे थे। पिछले महीने इसकी हालत बहुत बिगड़ गई। शरीर फूलने लगा। जब हैलेट हॉस्पिटल में दिखाया तो डॉक्टरों ने बताया कि दोनों किडनियां खराब हो चुकी हैं। वहां से इसे पीजीआई रेफर किया गया। वहां के डॉक्टरों का कहना था कि आसिफ का हीमोग्लोबिन बहुत कम है। आसिफ को दोबारा हैलेट हॉस्पिटल में एडमिट करवाकर तीन यूनिट ब्लड चढ़ाया गया। यहां से उसे फिर पीजीआई लेकर गए तो वहां सप्ताह में तीन बार डायलिसिस शुरू हो गया। एक बार डायलिसिस का खर्च 20 हजार रुपए आता है। पर आसिफ की हालत ज्यादा खराब होने पर डॉक्टरों ने ट्रांसप्लांट कराए जाने की बात कही है। सलीम ने बताया कि डॉक्टरो ंने कहा है कि 20 दिन के अंदर पैसे की व्यवस्था कर लो, नही ंतो बच्चे को बचाना नामुकिन हो जाएगा।
पीएम-सीएम को लिखा खत
आसिफ के पिता ने बताया कि बेटे के इलाज के लिए उन्होंने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा, पर अभी तक वहां से कोई जवाब नहीं आया। हां समाजवादी पार्टी की नेता वंदना सिंह ने फोन कर मदद का आश्वासन दिया है। सलीम कहते हैं कि जब देश के नेता बीमार पड़ते हैं तो एम्स के डॉक्टर उनका निशुल्क में इलाज करते हैं। पर आम गरीब जब बीमार पड़ता है तो उसकी तरफ डॉक्टर देखते तक नहीं। सलीम ने बताया कि मेरी किडनी का सेम्पेल बेटे से मैच खा गई है। अगर प्रधानमंत्री य मुख्यमंत्री किसी अस्पताल में बेटे को एडमिट करवा दे ंतो उसकी जान बच सकती है। पिता के बेवशी देख मासूम उन्हें सिर पर हाथ फेरते हुए कहता है कि अब्बू निराश मत हो। हमारा और आपका साथ अल्ला ने इतने ही दिन तक का रखा था। इस समाज में गरीब की सुनने वाला कोई नहीं है। हां मुझे आज भी उम्मीद है कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास मेरी बीमारी की खबर पहुंच जाए तो वह सौ फीसदी मुझे बचा लेंगे। क्योंकि वह भी गरीब थे और गरीब है।
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