हृदय रोग के लिए हृदय को स्वास्थ बरकरार रखने में हरी मिर्च बहुत लाभदायक हैं। हरी मिर्च के तीखेपन के चलते कोलेस्ट्रॉल के स्तर और प्लेटलेट्स के जमाव का नियंत्रण होता है, इससे हृदय रोग और हार्ट अटैक का जोखिम कम हो सकता है। भविष्य में हृदय रोग के खतरे से बचने के लिए भोजन में मिर्च की सीमित मात्रा ले सकते हैं।
मधुमेह मधुमेह (डायबिटीज) के मरीजों के लिए हरी मिर्च गुणकारी साबित हो सकती है। दरअसल हरी मिर्च एक सफल एंटी डायबिटिक के रूप में काम करती है। क्योंकि हरी मिर्च में कैप्साइसिन नामक खास तत्व का होना है, जो रक्त शर्करा को नियंत्रित करने का काम करता है। इसके अलावा, हरी मिर्च शरीर में लिपिड केटाबॉलिज्म को बढ़ाकर डायबिटिक के जोखिम को कम कर सकती है।
वजन नियंत्रण वजन नियंत्रित करने में भी हरी मिर्च में मौजूद कैप्साइसिन की महत्वपूर्ण भूमिका बताई जाती है। कैप्साइसिन एंटी-ओबेसिटी की तरह काम करता है, जो वजन घटाने में मदद करता है और अतिरिक्त चर्बी को जमने से रोकता है।
हाई ब्लड प्रेशर हाई ब्लड प्रेशर से परेशान मरीज हरी मिर्च का उपयोग कर सकते हैं। हरी मिर्च शरीर के विभिन्न भागों और कोशिकाओं में लिपिड केटाबॉलिज्म को बढ़ाने का काम करती है, जिससे हाई ब्लड प्रेशर से छुटकारा मिल सकता है।
पाचन हरी मिर्च पाचन क्रिया को भी दुरुस्त रखती है। हरी मिर्च फाइबर से युक्त होती है, और पाचन क्रिया स्वास्थ्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण क्रिया मानी जाती है। फाइबर मल निकासी की प्रक्रिया को सरल बनाता है और कब्ज जैसी समस्याओं से निजात दिलाने का काम करता है।
कैंसर खास बात कि घातक मानी जाने वाली कैंसर बीमारी में भी हरी मिर्च की अहम भूमिका है। हरी मिर्च कैंसर जैसी घातक बीमारी से रोकथाम भी कर सकती है। यहां भी हरी मिर्च में मौजूद कैप्साइसिन की भूमिका देखी जा सकती है। रिपोर्ट के अनुसार कैप्साइसिन एक कारगर एंटी कैंसर के रूप में काम करता है।