इस तरह दंश झेल रहे यहां के ग्रामीण कानपुर देहात के अकबरपुर नगर पंचायत के गांधी नगर वार्ड 4 का कृपालपुर गांव अपनी बदनसीबी पर आंसू बहा रहा है। ज़िला ओडीएफ घोषित हो जाने के बावजूद कृपालपुर गांव में एक भी शौचालय नही बना है। इलाकाई लोगो की माने तो लगभग 2 हज़ार आबादी वाले इस क्षेत्र में एक भी शौचालय नही है। पूरे क्षेत्र के लोग खुले में शौच करते हैं और अधिकारियों ने ज़िला ओडीएफ घोषित कर दिया है। पूरा क्षेत्र खुले में शौच करता है। महिलाए, बुज़ुर्ग, जवान और बच्चे सब खुले में शौच करने पर मजबूर हैं। कृपालपुर में रहने वाले बुज़ुर्ग बताते हैं कि बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है। कभी कभी गिर भी जाते हैं, चोट लग जाती है। तमाम बार अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नही हुयी। ताज्जुब की बात है कि इक्कीसवीं सदी में भी इन्हें शौचालय नसीब नही हुआ। ग्रामीण आक्रोशित हैं, लेकिन उनके आगे कोई विकल्प भी नही है। कृपालपुर से महज 2 किलोमीटर दूर मुख्यालय है, जहां सभी प्रशासनिक अधिकारी बैठते हैं।
छात्राओं ने बयां की समस्या कृपालपुर गांव में रहने वाली छात्रायें बताती हैं कि खुले में शौच करने जाने में डर लगता है। एक तरफ कीड़े मकौड़े का डर दूसरा इज़्ज़त का डर, लेकिन मजबूरी कुछ कर भी नही सकते हैं। बता दें कि कृपालपुर में ही पॉलीटेक्निक कालेज बन गया है और कॉलेज के छात्र घूमा टहला करते हैं। उनका भी भय रहता है, जबकि डीएम साहब नज़दीक में ही बैठते हैं। उनसे शिकायत की साहब शौचालय बनवा दो लेकिन नतीजा सिफर निकला। वहीं कृपालपुर के सभासद जी सकते में है कि उनका कृपालपुर गांव ओडीएफ हो गया और उन्हीं को नही पता है। सभासद की माने तो फर्जी दस्तावेज और फर्जी रिपोर्ट लगाकर गांव ओडीएफ घोषित कर दिया गया। सभासद खुद स्वीकार रहे हैं कि कृपालपुर गांव मे एक भी शौचालय नही बना है। पूरा कृपालपुर गांव विकास को तरस रहा है।
जिम्मेदारों ने कहा कि वहीं डीएम राकेश कुमार सिंह कह रहे है कि 55 लोगों को शौचालय की क़िस्त दे दी गयी है। कुछ ग्रामीणों ने शौचालय का निर्माण कराया भी है और कुछ लोगो ने शौचालयों का निर्माण नही कराया। जिन लोगों ने शौचालय का निर्माण नही कराया है या तो वो शौचालय का निमाण करायें वरना उनसे पैसा वापस लिया जाएगा। वहीं इस बाबत ज़िले के प्रभारी मंत्री एवं नगर विकास राज्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार महेश चन्द्र गुप्ता ने बताया कि झूठ के पुलिंदे पर हवा हवाई इमारत खडी कर दी है तो मंत्री जी भी हैरान रह गए कि किस तरह डीएम साहब ने अपने नम्बर बढ़ाने के लिए झूठी रिपोर्ट का सहारा लेकर जिला ओडीएफ घोषित कर दिया। वही प्रभारी मंत्री ने जांच कर कार्यवाही करने की बात कही है।