कानपुर

ठंड के इस मिजाज से इन बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं बच्चे, जानिए बचाव के उपाय

गिरते बढ़ते तापमान की वजह से बच्चे अधिक बीमार पड़ रहे हैं।

कानपुरJan 21, 2020 / 07:24 pm

Arvind Kumar Verma

ठंड के इस मिजाज से इन बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं बच्चे, जानिए बचाव के उपाय

कानपुर देहात-इस बार ठंड के प्रकोप के चलते लोगों को जमकर अलाव का सहारा लेना पड़ा। बर्फीली हवाओं व कोहरे से अभी तक लोगों को निजात नहीं मिल रही है। दिसंबर के बाद से बदली, बारिश व धूप निकलने से मौसम बार बार बदल रहा है, जो कहीं न कहीं बीमारियों की वजह बन रहा है। इसलिए गिरते बढ़ते तापमान की वजह से बच्चे अधिक बीमार पड़ रहे हैं। हालात ये हैं कि बीते दिन कानपुर देहात के जिला अस्पताल की ओपीडी में चिकित्सकों द्वारा सौ से अधिक बीमार बच्चों को देखा गया। यहां तक कि एक बच्चे की हालत नाजुक होने पर उसे इमरजेंसी वार्ड में भर्ती भी किया गया है। ऐसे मौसम में बच्चो की देखभाल करना अत्यंत आवश्यक है। साथ ही कोई भी समस्या होने पर डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।
इन दिनों ठंड के दिनों में मौसम का मिजाज ऐसा है कि दिन में धूप निकलने तथा रात में तापमान का पारा लुढ़कने की स्थिति आ चुकी है। ठंड के उतार चढ़ाव से बीमारियों ने दस्तक देने शुरू कर दी है। खासकर बच्चों में सर्दी, खांसी व बुखार, निमोनिया की समस्या आ रही है। लोग इन समस्याओं से परेशान बच्चों को लेकर जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं। डॉक्टर मान सिंह व डॉक्टर अमर चंद्रा की ओपीडी में बदलते तापमान की वजह से बीमार बच्चों को लेकर लोग पहुंच रहे हैं। बीते दिन इन चिकित्सकों ने सौ से अधिक बच्चों को देखा और उन्हें जरूरी दवा लिखी। वहीं जिले के राजपुर के पिचौरा से पांच माह की देवांशी की तबियत अधिक खराब होने पर डॉक्टर ने उसे इमरजेंसी वार्ड में भर्ती किया है। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अमर चंद्रा व डॉ. मान सिंह ने बताया कि अभी तापमान एक जैसा नहीं है। धूप निकलने पर कम तो पहाड़ों से होकर आने वाली ठंडी हवाएं तापमान गिरा रही हैं। ऐसे में बच्चों की देखभाल जरूरी है। उन्होंने बचाव के टिप्स दिए हैं।
-ऐसी ठंड में बच्चों के बचाव के लिए रात में उनके हांथ पैर की सिकाई करें।

-छोटे बच्चों के पूरे शरीर को ढककर रखें, उन्हे गर्म व ऊनी कपड़े पहनाकर रखें।

– बच्चों को नहलाने के लिए हल्के गर्म पानी का उपयोग ही करें।
-दर तक काटकर रखे गए फल व खाद्य सामग्री खाने व खिलाने से बचें।

-कोशिश करें कि कपड़े बदलकर पहने और पहनाएं। यानि कपड़े एक-दो दिनों से ज्यादा न पहनें।

-स्वास्थ्य की दिक्कत पर बिना देरी बच्चे को अस्पताल ले जाएं।
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