कानपुर

कोविड-19 सेकंड वेब – आईआईटी शोध में मिली जानकारी खतरनाक, बचने के लिये करें ये उपाय

आईआईटी शोधकर्ताओं ने कोविड-19 सेकंड वेब को बताया खतरनाक, तैयारी के रास्ते बताएं

कानपुरApr 02, 2021 / 08:50 am

Narendra Awasthi

Patrika

कानपुर. आईआईटी के शोध में जो जानकारी निकलकर सामने आई है। वह काफी भयावह है। कोविड-19 हॉस्पिटल में बेड की संख्या मरीजों की संख्या से दोगुनी करने की सलाह दी गई है। सभी राजकीय मेडिकल कॉलेज के अस्पताल को अलर्ट मोड में रहने को कहा गया है। कानपुर आईआईटी में फिजिक्स के प्रोफेसर महेंद्र कुमार वर्मा, एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के सहायक प्रोफेसर राजेश रंजन, पुरातन छात्र आर्यन शर्मा के शोध में कहा गया है कि अक्टूबर 2020 से फरवरी 2021 के बीच कोरोनावायरस के संक्रमण में गिरावट आई थी। लेकिन 27 मार्च 2021 के बाद सक्रिय केसों की संख्या के बढ़ने की दर मई 2020 के बराबर थी।

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अपने रिसर्च को संस्थान ने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट करते हुए बताया है कि सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क संक्रमण बढ़ने का मुख्य कारण है। कोरोनावायरस का नया स्ट्रेन काफी घातक है। आशंका जताई है कि रोज आने वाले कोविड-19 मरीजों की संख्या में महाराष्ट्र का 70% का योगदान है। महाराष्ट्र के बाद पंजाब, हरियाणा, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश में भी कोरोनावायरस का संक्रमण बड़ी तेजी से फैल सकता है।

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प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने कोविड-19 हॉस्पिटल को संक्रमित मरीजों की संख्या की दोगुनी बेड की व्यवस्था करने के लिए कहा है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज प्राचार्य प्रोफेसर आर बी कमल ने कहा कि अस्पताल में कोविड-19 और नान कोविड-19 दोनों ही प्रकार के मरीजों का काफी दबाव होता है। पर प्रमुख सचिव ने कहा कि कोविड-19 हॉस्पिटल में मरीजों की संख्या से 2 गुना बेड होना चाहिए। कोविड-19 मरीजों की संख्या को देखते हुए नान कोविड-19 मरीजों की संख्या में कमी लाई जा सकती है। इस मौके पर प्रोफेसर रिचा गिरी, डॉक्टर मनीष, डॉक्टर सौरभ आदि मौजूद थे।

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