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कानपुर

कोविड-19, अपनों को बचाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं अपने

कानपुर की यह दो तस्वीरें आपको विचलित कर देंगी, स्वास्थ्य महकमा ने खड़े किए हाथ, शासन ने बंद किया ओपीडी
 

कानपुरApr 17, 2021 / 09:21 pm

Narendra Awasthi

कोविड-19, अपनों को बचाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं अपने

Patrika

कानपुर. कोविड-19 ने स्वास्थ्य महकमे को पूरी तरह बर्बाद कर दिया। सर्दी, खांसी, बुखार जैसी बीमारियों के उपचार के लिए लिए लोगों को दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही है। ओपीडी में सुधार लाने की जगह शासन ने बंद करने का निर्णय लिया है। बड़े-बड़े अस्पतालों के सामने “No Bed” का बोर्ड लग गया है। मरीज को लेकर तीमारदार भटक रहा है उपचार न मिलने के कारण एंबुलेंस में ही दम तोड़ रहा है।

कानपुर में नहीं मिला उपचार, जाना पड़ा सैफई

कानपुर में इस प्रकार के 2 मामले सामने आए जहां संक्रमित मरीज को उपचार के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ी। पहला मामला पनकी थाना क्षेत्र के रतनपुर कॉलोनी का सामने आया है। वृद्ध की भतीजी श्रद्धा ने बताया कि उपचार के लिए सभी जिम्मेदार, हेल्पलाइन नंबर, कंट्रोल नंबर पर मदद की गुहार लगाई। लेकिन कहीं से भी उसे मदद नहीं मिली। महिला को लगा ऑक्सीजन भी जवाब दे रहा था। ऐसे में परिवार के जिम्मेदार सदस्य ने बुजुर्ग महिला को सैफई मेडिकल संस्थान में भर्ती कराया। यहां पर भी उसे प्रशासन की नाकामी नजर आई। जब स्वास्थ्य विभाग का एंबुलेंस की मांग करने के बाद भी नहीं मिली। ₹30 हजार की मोटी रकम देकर प्राइवेट एंबुलेंस से महिला को सैफई में भर्ती कराया गया।

एक अन्य ने एंबुलेंस में दम तोड़ा

एक अन्य मामला भी कानपुर के सरकारी और प्राइवेट संस्थान का हाल बयां कर रहा है जिसमें 56 वर्षीय बुजुर्ग को प्राइवेट एंबुलेंस में लेकर परिजन हैलट लेकर गए लेकिन “बेड खाली नहीं है” का जवाब मिला। प्राइवेट अस्पताल ने भी बेड नहीं होने का हवाला देते हुए भर्ती करने से इंकार कर दिया। अंततः सिस्टम के सामने निरंजन पाल ने दम तोड़ दिया।

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