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लॉकडाउन खुलने के बाद लोगों की निगरानी करेगा ‘कोविड-आई’, संक्रमण फैलने से रोकने में करेगा मदद

locationकानपुरPublished: Apr 30, 2020 02:12:15 pm

फैक्ट्रियों, दफ्तरों और स्कूलों के अलावा घरों में भी बाहर से आने वालों पर रखेगा नजर तय मानकों की अनदेखी करने वालों को प्रवेश करने से रोकेगा, अलार्म बजाकर करेगा अलर्ट

लॉकडाउन खुलने के बाद लोगों की निगरानी करेगा ‘कोविड-आई’, संक्रमण फैलने से रोकने में करेगा मदद

लॉकडाउन खुलने के बाद लोगों की निगरानी करेगा ‘कोविड-आई’, संक्रमण फैलने से रोकने में करेगा मदद

कानपुर। दुनिया के दूसरे देशों के मुकाबले भारत में संक्रमण की रफ्तार पर ब्रेक लगाने का काम लॉकडाउन ने किया है। जब तक देश में लॉकडाउन लागू है, तब तक संक्रमण फैलने का खतरा कम है, लेकिन इसके बाद जैसे ही तमाम जगहों पर छूट मिलनी शुरू होगी और कार्यस्थलों पर भीड़ उमड़ेगी तो संक्रमण का खतरा फिर बढ़ सकता है। ऐसे में लॉकडाउन के बाद भी लोगों को बचाव के नियमों का पालन कराना जरूरी होगा। इस काम में आईआईटी का नया सॉफ्टवेयर मदद करेगा। ‘कोविड-आई’ नाम का यह सॉफ्टवेयर सुरक्षा मानकों पर नजर रखेगा और उसका उल्लंघन करने वालों को रोकेगा।
दो पूर्व आईआईटीयंस ने बनाया
कानपुर आइआइटी के दो पूर्व छात्रों, इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर गौरव तिवारी व इलेक्टिकल इंजीनियर दुर्विजय सिंह ने ‘कोविड-आई’ नाम का यह सॉफ्टवेयर बनाया है। लॉकडाउन खत्म होने के बाद शुरू होने वाली औद्योगिक गतिविधियों से संक्रमण का खतरा इससे कम होगा। यह सॉफ्टवेयर फैक्ट्रियों, संस्थानों सहित ऐसे सभी स्थानों के गेट पर किसी चौकीदार की तरह काम करेगा, जहां ज्यादा संख्या में आकर लोग एक जगह घंटों तक रुकते या काम करते हैं। ऐसे स्थानों पर आने वालों के लिए तय किए गए मानकों का पालन न करने वालों को यह सॉफ्टवेयर अंदर नहीं आने देगा।
इस तरह करेगा काम
औद्योगिक जगत के लिए यह सॉफ्टवेयर गेट पर तैनात सुरक्षा गार्ड की तरह ही करेगा। तय सुरक्षा मानक की ड्रेस में नहीं होने पर कोविड-आई सॉफ्टवेयर पांच फीट पहले से चेतावनी दे देगा और दरवाजे का डिजिटल लॉक नहीं खोलने देगा। इस सुरक्षा मानक में मास्क, हेलमेट या कंपनी जो भी मानक चाहे, शामिल किया जा सकता है। आईआईटी के पूर्व छाद्ध गौरव तिवारी का कहना है कि संस्थान के सीसीटीवी कैमरे से जोडक़र बिना किसी ऑपरेटर या सुरक्षाकर्मी के जरिए इस काम को किया जा सकता है। तय मानक का पालन नहीं करने वाले शख्स के वीडियो पर सर्किल बन जाएगा और प्रबंधन तक सूचना पहुंच जाएगी।
मई तक उपलब्ध होगा सॉफ्टवेयर
यह सॉफ्टवेयर मई माह के अंत तक सभी के लिए उपलब्ध होगा। दुॢवजय सिंह ने बताया कि प्रोटोटाइप बनाकर इसका परीक्षण किया गया। मोबाइल के जरिए किए गए परीक्षण में तकनीकी में डिजिटल लॉक को भी जोड़ा गया है। अगर कोई कर्मचारी किसी दूसरे कर्मचारी की आड़ में बगैर मास्क के प्रवेश करने की कोशिश करता है तो दरवाजा ऑटोमेटिक बंद हो जाएगा।
लापरवाही करने पर देगा सूचना
इस सॉफ्टवेयर के जरिए तय सुरक्षा मानक के बिना किसी भी दुकान, फैक्ट्री या अन्य स्थानों पर कोई भी व्यक्ति नहीं घुस सकेगा। अगर जबरदस्ती की तो पांच मिनट पहले अलार्म बजाकर सभी को आगाह कर देगा। इतना ही नहीं काम करने के दौरान बीच में ही अगर किसी ने मास्क उतार दिया तो यह साफ्टवेयर भी उसकी पहचान कर लेगा और अलार्म बजाएगा।
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