प्राप्त जानकारी के अनुसार बताया गया है कि रेलवे करीब 2500 टीटीई की भर्ती करने जा रहा है. इसमें शामिल महिला टीटीई को शताब्दी और राजधानी एक्सप्रेस में नियुक्त किए जाने की योजना है. इसके पीछे तर्क दिया गया है कि ऐसा करने से परिवार के साथ या अकेली चलने वाली महिला यात्रियों को भी सहूलियत होगी. इसके साथ ही शताब्दी और राजधानी एक्सप्रेस में ट्रेन के शुरुआती और आखिरी स्ट्रेशन के बीच में टीटीई स्टाफ़ को बदला नहीं जाता है. इसके साथ ही इन ट्रेनों में यात्री भी उच्च वर्ग के होने से महिला टीटीई को सुरक्षा के लिहाज से कोई परेशानी नहीं होगी.
इसके अलावा इस बात को भी ध्यान में रखा गया है कि ट्रेन में सफर करने वाली महिला यात्रियों को भी सहूलियत हो जाए. लंबी यात्रा के दौरान उन्हें होने वाली समस्याओं में उन्हें मदद मिल सकेगी. इसके अलावा रेलवे के ऐसा करने के पीछे एक कारण ये भी है कि इससे महिला शिक्षा को बल मिल सके. उनकी तरक्की के कदमों को आगे बढ़ाने के लिए ये एक खास कदम होगा.
महिला सशक्तिकरण को बल देने के उद्देश्य से ये कदम काफ़ी कारगर साबित होगा. यही नहीं, अपने आप में ये एक बड़ा और अहम फैसला होगा. वैसे बता दें कि रेलवे की ओर से लिया गया ये फैसला कोई पहला फैसला नहीं है. इससे पहले पश्चिम रेलवे ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर पहली एसी ट्रेन को चलाने का फैसला किया था. उस ट्रेन के सभी डिब्बों में महिला टीटीई को नियुक्त करने का फैसला भी किया गया था. बताया गया था कि वह ट्रेन मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलने वाली शताब्दी एक्सप्रेस होगी.