जनपद कानपुर बर्रा निवासी विकास सैनी ने रूरा थाना पुलिस को बताया कि उनका पनकी के ई ब्लाक में कार गैराज है। बीते कुछ माह पूर्व गाड़ी ठीक कराने के दौरान उसी मोहल्ले में किराए पर रह रहे सतीश व साथ आए कस्बा रूरा के जवाहर नगर के रिश्तेदार दंपती से उनकी जान पहचान हो गई। सतीश ने खुद को रेल विभाग का अधिकारी बताया और नौकरी लगवाने का लालच दिया। इस पर उसने व उसके मित्र मसवानपुर निवासी राहुल दोनों ने मिलकर आठ लाख रुपये जनवरी 2020 में दिए थे।
उन्होंने आरोप लगाते हुए बताया कि इसके बाद सतीश फरवरी माह में उसे मेडिकल परीक्षण के लिए आगरा के लोको अस्पताल ले गया। जब वहां परीक्षण नहीं हो सका तो उसने बिना परीक्षण कराए ही नियुक्ति पत्र दिलाने का आश्वासन दिया, जिससे उसे सतीश पर आशंका हुई। वहीं लॉकडॉउन के दौरान जब नौकरी में बारे में आगे की प्रगति जाननी चाही तो वह झांसा देता रहा। जब उसके घर जाकर देखा तो वह परिवार समेत घर बंद करके रफूचक्कर था। साथ ही उसका फोन बंद होने के चलते संपर्क भी नहीं हो पा रहा है। रेलवे विभाग द्वारा भी इस दौरान कोई भर्ती न कराए जाने की बात जब सामने आई तो होश उड़ गए।