scriptपीएफआई का कानुपर में बड़ा नेटवर्क, शहर में छिपे गुर्गों की तलाश में जुटी पुलिस | Large network of PFI revealed in Kanpur | Patrika News

पीएफआई का कानुपर में बड़ा नेटवर्क, शहर में छिपे गुर्गों की तलाश में जुटी पुलिस

locationकानपुरPublished: Feb 02, 2020 02:21:39 pm

सीएए के खिलाफ हिंसा फैलाने के लिए तैयार किया था पूरा तंत्रखुफिया और पुलिस की नजरों को धूल झोंक तैयार किया था प्लान

पीएफआई का कानुपर में बड़ा नेटवर्क, शहर में छिपे गुर्गों की तलाश में जुटी पुलिस

पीएफआई का कानुपर में बड़ा नेटवर्क, शहर में छिपे गुर्गों की तलाश में जुटी पुलिस

कानपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कानपुर में गंगा यात्रा समापन कार्यक्रम से पहले पकड़े गए पीएफआई के पांच सदस्यों के बारे में जांच के बाद बड़े ख्ुालासे हुए हैं। पता चला है कि सीएए के विरोध में कानपुर शहर को हिंसा की आग में झोंकने वाले पीएफआई ने शहर में बड़ा नेटवर्क तैयार कर रखा है। अब पुलिस उन सदस्यों तक पहुंचने की कोशिश में जुटी है, ताकि पूरे नेटवर्क को खत्म किया जा सके। इस संगठन में शहर में हिंसा की जमीन तैयार कर बवाल कराया। जिसमें तीन की जानें गईं और दर्जनों लोग घायल हो गए। हैरानी की बात ये है कि इसकी भनक खुफिया एजेंसियों को नहीं हुई।
साथियों की तलाश शुरू
पीएफआई सदस्यों के खिलाफ शुरुआती जांच में साफ हो गया है कि पीएफआई नेटवर्क की बड़ी चेन शहर में है। उनकी धरपकड़ के लिए पुलिस ने जाल बिछाना शुरू कर दिया है। अधिकारियों का कहना था कि ऐसे कोई सुबूत नहीं हैं, कि कानपुर में हुई हिंसा के पीछे पीएफआई का हाथ है पर, जब पुलिस ने जांच आगे बढ़ाई और सर्विलांस की मदद से जांच शुरू की तो पीएफआई के पांच सदस्य गिरफ्त में आये। साफ है कि पहले से पुलिस या खुफिया विभाग के पास पीएफआई से संबंधित कोई इनपुट नहीं था।
आतंकी संगठन का हिस्सा है पीएफआई
पीएफआई को सिमी (स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया) का विंग माना जाता है। सिमी पर प्रतिबंध लगने के बाद पीएफआई का 2006 में गठन हुआ था। सिमी आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है। कानपुर में सिमी की गहरी पैठ थी। यही वजह है कि पीएफआई ने भी शहर को अपना ठिकाना बनाया है। एसआईटी ने आरोपियों के खातों की जानकारी जुटानी शुरू कर दी है। शुरुआती जांच में पता चला है कि आरोपियों के खातों से लाखों रुपये का लेनदेन हाल में ही हुआ है। बैंक से जानकारी मांग पुलिस पता कर रही है कि रकम कहां कहां से आई और किन-किन खातों में ट्रांसफर की गई। आशंका है कि एक-एक आरोपी के कई बैंक खाते हैं।
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