scriptप्रधान ने हड़पी भूमिहीनों की जमीन और चहेतों को दे दिए पट्टे | Lease given to illegal people of land on GT Road in Mandhna | Patrika News

प्रधान ने हड़पी भूमिहीनों की जमीन और चहेतों को दे दिए पट्टे

locationकानपुरPublished: Jun 27, 2019 03:19:07 pm

मंधना में जीटी रोड के किनारे पांच बीघा जमीन के पट्टा आवंटन में हुआ बड़ा खेलपट्टा आवंटन की जांच में हुआ बड़ा खुलासा, मामला एडीएम फाइनेंस की कोर्ट में

Lease given to illegal people of land

प्रधान ने हड़पी भूमिहीनों की जमीन और चहेतों को दे दिए पट्टे

कानपुर। मंधना में जीटी रोड के किनारे बेशकीमती पांच बीघा पट्टे की जमीन को प्रधान ने धोखाधड़ी कर रिश्तेदारों और फैक्ट्री मालिकों को बांट दिया। १५ साल पहले किए गए इस कारनामे की पोल तब खुली जब पट्टा आवंटन में गड़बड़ी की शिकायत एसडीएम बिल्हौर से की गई। जिसके बाद कराई गई जांच में सच सामने आया। एसडीएम ने खुद लेखपाल, कानूनगो, तहसीलदार के साथ पट्टा आवंटन की जांच की तो पता चला कि यह जमीन जीटी रोड किनारे एक किमी का चक है। यह कृषि योग्य जमीन नहीं है। आवंटन के बाद भी कभी इस पर खेती नहीं की गई। कोई कब्जा भी नहीं है। यह जमीन अपात्र धनाढ्यों, प्रधान के रिश्तेदारों को गलत तरीके से आवंटित की गई। एसडीएम ने 22 मई को जिलाधिकारी को जांच रिपोर्ट देते हुए आवंटन निरस्त करने की संस्तुति कर दी।
एक जुलाई को होगी सुनवाई
फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद एसडीएम की रिपोर्ट के आधार पर किए गए पट्टे निरस्त करने के लिए जिलाधिकारी की कोर्ट में मुकदमा दाखिल किया गया। यह मुकदमा जिलाधिकारी कोर्ट ने सुनवाई के लिए एडीएम फाइनेंस की कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया था। इस पर सुनवाई शुरू हो गई है। सुनवाई की अगली तारीख एक जुलाई लगी है।
जमीन पर हो सकता अधिग्रहण
एसडीएम ने अपनी जांच रिपोर्ट में लिखा है कि गलत तरीके से आवंटित जमीन जीटी रोड (राष्ट्रीय राज मार्ग) के किनारे है। इसलिए भविष्य में इसका अधिग्रहण होने की संभावना है। भूमि का अधिग्रहण करने पर सरकार को काफी राजस्व का नुकसान हो सकता है, क्योंकि अधिग्रहण करने पर जमीन की कीमत का चार गुना मुआवजा मिलता है।
कोर्ट के फैसले पर होगी कार्रवाई
एसडीएम बिल्हौर हिमांशु कुमार गुप्ता ने बताया कि अपात्रों को पट्टे करने की शिकायत के बाद जांच की गई। इसके बाद जिलाधिकारी की कोर्ट में मुकदमा दाखिल करा दिया गया। जिलाधिकारी की कोर्ट से यह मुकदमा सुनवाई के लिए एडीएम फाइनेंस की कोर्ट में स्थानांतरित हो गया है। पट्टा निरस्त करने, संबंधित प्रधान और अफसरों के खिलाफ कार्रवाई पर कोर्ट फैसला करेगी। फैसला आने के बाद उस पर अमल कराया जाएगा।
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