रसोई के बजट से बाहर हुआ प्याज
प्याज आज हर घर की जरूरत है, लेकिन प्याज के मौजूदा दामों ने मध्यमवर्गीय परिवार की रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। प्याज के दाम पिछले एक हफ्ते में ४० रुपए से बढक़र ८० रुपए प्रतिकिलो के भाव पर जा पहुंचा है। बेहतर क्वालिटी का प्याज तो ९० रुपए प्रतिकिलो के भाव पर भी बिक रहा है। बढ़े दामों की वजह से लोगों ने प्याज खरीदना ही बंद कर दिया है।
प्याज आज हर घर की जरूरत है, लेकिन प्याज के मौजूदा दामों ने मध्यमवर्गीय परिवार की रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। प्याज के दाम पिछले एक हफ्ते में ४० रुपए से बढक़र ८० रुपए प्रतिकिलो के भाव पर जा पहुंचा है। बेहतर क्वालिटी का प्याज तो ९० रुपए प्रतिकिलो के भाव पर भी बिक रहा है। बढ़े दामों की वजह से लोगों ने प्याज खरीदना ही बंद कर दिया है।
भंडारण की सीमा हुई तय
प्रशासन ने २९ सितंबर से ३० नंवबर तक थोक व फुटकर प्याज भंडारण की सीमा निर्धारित की है। जिसके तहत अब थोक विक्रेता को ५० मीट्रिक टन और फुटकर विक्रेता को १० मीट्रिक टन तक भंडारण की ही अनुमति है। छापेमारी में इससे ज्यादा प्याज का स्टॉक मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। सभी उपजिलाधिकारियों को थोक व फुटकर प्याज विक्रेताओं के साथ बैठक करने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रशासन ने २९ सितंबर से ३० नंवबर तक थोक व फुटकर प्याज भंडारण की सीमा निर्धारित की है। जिसके तहत अब थोक विक्रेता को ५० मीट्रिक टन और फुटकर विक्रेता को १० मीट्रिक टन तक भंडारण की ही अनुमति है। छापेमारी में इससे ज्यादा प्याज का स्टॉक मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। सभी उपजिलाधिकारियों को थोक व फुटकर प्याज विक्रेताओं के साथ बैठक करने के निर्देश दिए गए हैं।
होटल-ढाबों से प्याज गायब
शहर के बड़े होटलों और छोटे ढाबों व रेस्टोरेंट पर भी प्याज नहीं मिल रहा है। अभी तक जहां हर टेबल पर खाने का आर्डर आने से पहले प्याज की प्लेट आ जाती थी, उसकी जगह अब मूली रखी जा रही है। सिर्फ बड़े होटलों में ही टेबल पर प्याज दिखता है और वह भी मांगने पर, वरना वहां भी बिना प्याज के सलाद से काम चलाने की कोशिश की जा रही है। सब्जियों में भी प्याज न पडऩे से उनका स्वाद बिगड़ गया है।
शहर के बड़े होटलों और छोटे ढाबों व रेस्टोरेंट पर भी प्याज नहीं मिल रहा है। अभी तक जहां हर टेबल पर खाने का आर्डर आने से पहले प्याज की प्लेट आ जाती थी, उसकी जगह अब मूली रखी जा रही है। सिर्फ बड़े होटलों में ही टेबल पर प्याज दिखता है और वह भी मांगने पर, वरना वहां भी बिना प्याज के सलाद से काम चलाने की कोशिश की जा रही है। सब्जियों में भी प्याज न पडऩे से उनका स्वाद बिगड़ गया है।
सब्जी वाले काट रहे चांदी
इस समय उन थोक सब्जी विक्रेताओं की चांदी है, जिन्होंने दाम बढऩे की आशंका से पहले ही प्याज का स्टॉक कर लिया था। ४० रुपए के भाव पर जमा किया गया प्याज आज ८० रुपए में बेंच रहे हैं। महज एक हफ्ते में उनकी रकम दोगुना हो रही है। सब्जीमंडी की कुछ चुनिंदा दुकानों पर ही अब प्याज दिख रहा है। ग्राहक भी प्याज के दाम पूछकर आगे बढ़ जाते हैं। एक किलो खरीदने वाले ढाईसौ ग्राम से काम चला रहे हैं।
इस समय उन थोक सब्जी विक्रेताओं की चांदी है, जिन्होंने दाम बढऩे की आशंका से पहले ही प्याज का स्टॉक कर लिया था। ४० रुपए के भाव पर जमा किया गया प्याज आज ८० रुपए में बेंच रहे हैं। महज एक हफ्ते में उनकी रकम दोगुना हो रही है। सब्जीमंडी की कुछ चुनिंदा दुकानों पर ही अब प्याज दिख रहा है। ग्राहक भी प्याज के दाम पूछकर आगे बढ़ जाते हैं। एक किलो खरीदने वाले ढाईसौ ग्राम से काम चला रहे हैं।