scriptदरिंदों ने बच्ची के प्राईवेट पार्ट कर दिए थे क्षतिग्रस्त, 5 माह तक चली जटिल सर्जरी के बाद बची जान | life after misdeed with five year old girl | Patrika News

दरिंदों ने बच्ची के प्राईवेट पार्ट कर दिए थे क्षतिग्रस्त, 5 माह तक चली जटिल सर्जरी के बाद बची जान

locationकानपुरPublished: Jul 20, 2019 01:07:49 am

Submitted by:

Vinod Nigam

5 साल की मासूम के साथ मार्च में एमपी के छतरपुर जिले में हुआ था गैंगरेप, हैलट अस्पताल में चल रहा इलाज।

life after misdeed with five year old girl

दरिंदों ने बच्ची के प्राईवेट पार्ट कर दिए थे क्षतिग्रस्त, 5 माह तक चली जटिल सर्जरी के बाद बची जान

कानपुर। पांच साल की प्यारी से गुडिया अपने घर के बाहर खेल रही थी। इसी दौरान इंसानियत के दुश्मनों ने उसे अगवा कर लिया। दरिंदों ने मासूम को अपनी हवस का शिकार बना डाला Misdeed with five year old girl । मारा समझ उसे झांड़ियों में फेंककर फरार हो गए। पर उसकी सांसे चल रहीं थी। परिजन और पुलिस पीड़िता को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। हालत गंभीर होने पर डॉक्टरों ने कानपुर हैलट halat hospital kanpur के लिए रेफर कर दिया। 10 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद डॉक्टरों ने उसे नई जिंदगी दे दी। डॉक्टरों के मुताबिक जिस तरह से अपराधियों ने वहशियाना हरकत की उसे इंसान तो क्या बेजुमान भी बर्दाश्त नहीं कर सकता। बच्ची की प्रजनन संरचना Reproductive structure से जुड़े सारे अंग क्षतिग्रस्त हो गए थे। मल निस्तारण करने वाली सभी मांसपेशियां Muscles
भी खराब हो गई थीं।

छतरपुर से लेकर आए हैलट
जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही पांच साल की मासूम को उसके परिजन लेकर हैलट Halat Hospital Kanpur पहुंचे। डॉक्टरों की नजर जैसे ही बच्ची पर पड़ी तो उनके हाथ-पांव फूल गए। डॉक्टरों ने पहले एसपीजीआई SPGI ले जाने को कहा, लेकिन एक सीनियर व बालरोग अस्पताल के पीडियाट्रिक सर्जन डॉक्टर आरके त्रिपाठी ने बच्ची की सांस वापस लाने का प्रण लिया और अन्य के साथ उसका इलाज शुरू किया। डॉक्टर त्रिपाठी के मुताबिक बच्ची के गर्भाशय समेत प्रजनन से जुड़ा शरीर का दूसरा भाग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। इससे जुड़ा दूसरा हिस्सा भी खराब हो गया। डॉक्टरों ने गर्भाशय समेत प्रजनन के दूसरे अंगों को बनाया गया। इसके साथ ही मल का रास्ता पेट से कर दिया। बच्ची अब स्वस्थ्य है।

14 फरवरी से चल रहा इलाज
बच्ची मूलरूप से मध्यप्रदेश madhya pradesh के छतरपुर जिले Chhatarpur district की रहने वाली है। उसे 14 फरवरी को हैलट लाया गया था। जहां पीडियाट्रिक सर्जन डॉक्टर आरके त्रिपाठी ने अपने साथियों के साथ उसकी पहली सर्जरी की। सर्जरी के बाद अब वह बिल्कुल ठीक हो गई है। इसके मल निस्तारण की मांसपेशियों में संवेदनशीलता आने के साथ वह बड़े होकर मातृत्व सुख भी पा सकेगी। यह अपने तरीके का अनोखा और जटिल केस रहा है। मध्यप्रदेश के छतरपुर की रहने वाली इस बच्ची के नाम-पते की गोपनीयता बरकरार रखने के लिए स्टाफ ने इसका नाम चंदा रख लिया।

बहुत जटिल सर्जरी
पीडियाट्रिक सर्जन डॉक्टर त्रिपाठी ने 15 जुलाई को दूसररी सर्जरी के बाद बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ है। उसे अब जल्दी डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। यह बहुत जटिल सर्जरी रही है। इतनी क्षतिग्रस्त प्रजनन संरचना का सामान्य स्थिति में आ जाना ही अनोखापन है। अब वह सामान्य जिंदगी जी सकेगी। मल संबंधी मांसपेशियों की संवेदनशीलता खत्म होने पर सामाजिक जीवन मुश्किल हो जाता है। वहीं बच्ची की जान बचने पर उसके माता-पिता बहुत खुश हैं और हैलट के डॉक्टरों को भगवान का दर्जा देते हुए कहा कि हमें यहीं एक भी दिक्कत नहीं हुई। पैसे नहीं होने पर खुद डॉक्टर अपने पैसे से दवाईयां मंगवाते और बेटी का इलाज करते।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो