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9 मिनट के दीयों की रोशनी से एक नहीं होंगे अनेक फाएदे

locationकानपुरPublished: Apr 06, 2020 04:24:18 pm

Submitted by:

Vinod Nigam

रात 9 बजे जगमग हो उठी उद्योगनगरी, ज्योतिषाचार्य ने बताया कि कोरोना महामारी से जल्द ही देश को मिल जाएगी मुक्ति।

9 मिनट के दीयों की रोशनी से एक नहीं होंगे अनेक फाएदे

9 मिनट के दीयों की रोशनी से एक नहीं होंगे अनेक फाएदे

कानपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर देररात पूरा देश एकसाथ खड़ा हो गया। उद्योगनरी में जैसे रात के 9 बजे वैसे ही लोगों के घरों के बिजली के बल्व बंद हो गए और दियों की रोशनी से उद्योगनरी जगमग हो गई। छोटी दीपावली पर हमनें देश के जाने-माने ज्योतिषाचार्य पंडित केए दुबे पदमेश से बात की तो उन्होंने बताया कि 5 अप्रैल को रात्रि 9 बजे चैत्र माह शुक्ल पक्ष में त्र्योदशी तिथि थी। पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में तुला लग्न और सिंह राशि का चंद्रमा गोचर मे था। उस समय श्री अनंग त्रयोदशी भी था। अनंग अर्थात मंगल। बताया, उस अवधि में सूर्य रेवती नक्षत्र में था और चंद्रमा पूर्वाफाल्गुनी में अर्थात समस्त दोषनाशक रवि योग थे और जिसका लाभ आने वाले दिनों में जनता को मिलेगा।

अवश्य बल मिलेगा
पंडित केए दुबे पदमेश आम जनता की जान-माल की रक्षा और सुख, स्वास्थ्य के लिए चतुर्थ भाव में उच्च के मंगल की शनि और गुरु के साथ युति महत्वपूर्ण कारक है जिसमें शनि के अंधकार को मंगल की ऊर्जा को बढ़ाने से अवश्य किया जा सकता है। आमजन के मनोबल को बढ़ाने के लिए सिंह अर्थात सूर्य की राशि मे बैठे चंद्रमा को जलते हुए दीपकों से अवश्य बल मिलेगा। कहा, अगले 20 से 25 दिन के अंदर देश में कोरोना महामारी कम होगी। साथ ही 21 दिन के लाॅकडाउन का असर प्रकृति पर भी पड़ेगा। मां गंगा का जन निर्मल तो शहर से प्रदूषण से मुक्ति मिल जाएगी। पदमेश ने लोगों से अपील की है कि 21 दिन के बजाए अब देश की जनता प्रकृति को बचाने के लिए 365 दिन इसी तरह से वाहनों के बजाए पैदल चले।

सूर्य परमेश्वर की ज्योति
ज्योतिषाचार्य पंडित केए दुबे पदमेश ने बताया कि पांच अप्रैल 2020 को रात्रिकाल अर्थात रात्रि नौ बजे पूर्वा फाल्गुनि नक्षत्र है, जिससे सिंह राशि बनती है। जिसका अधिपति सूर्य है। सूर्य परमेश्वर की ज्योति का प्रतिनिधित्व करते हैं। लोक में अंधकार से प्रकाश की स्थापना करते हैं। अग्नि के पांच रूप होते हैं। (1) ब्राह्म, (2) प्राजापत्य, (3) गार्हस्थ्य, (4) दक्षिणाग्नि और (5) क्रव्यादाग्नि, जिसमें पहले का अरणिमंथन के द्वारा उत्पत्ति होती है। द्वितीय का ब्रह्मड्ढचारी को अग्निहोत्र के उपनयन के समय प्राप्त होता है। तृतीय का विवाहोपरांत कुल में प्रतिष्ठित होकर शुभकर्मों में इसका प्रयोग होता है। चतुर्थ का उपयोग चिताग्नि के रूप में होता है। पंचम का उपयोग बाह्य उपद्रव के शमन अर्थात राक्षस, बाह्यबाधा, अदृश्य शक्तियों के उपद्रव का विनाश और अवरोध हो इसके लिए किया जाता है। जिससे कह सकते हैं कि देश की इन अदृश्य शक्तियों से मुक्ति मिल जाएगी।

9 बजे पूरा शहर एकसाथ
लॉकडाउन के बीच रविवार की सुबह से दोपहर के 12 बजे तक ही दुकानों खुलने का फरमान प्रशासन ने जारी किया था। ऐसे में सभी दुकानों पर मोमबत्ती और दिए खरीदने वालों की संख्या अच्छी खासी रही। सामान के साथ लोगों ने मोमबत्ती की भी खरीददारी किया। रात का अंधेरा होते ही महिलाओं ने घरों में प्रवेश द्वारा पर रंगोली सजाने के साथ ही दीप जलाने की पूरी तैयारी की। इस दौरान पूरा माहौल दीपावली पर्व जैसा था। जैसे 9 बजे वैसे ही घरों की बिजली बंद कर दीपक की रोशनी से शहर के सभी इलाके जगमग हो गए।

मंदिर भी जगमग
एतिहासिक आन्देश्वर मंदिर, सिद्धेश्वर मंदिर, जागेश्वर मंदिर बारादेवी मंदिर, जेके टेंपल, स्काॅन के अलावा अन्य देवालयों भक्तों ने घी के दीपक जलाए।इसके अलावा लॉकडाउन के बीच पर्याप्त मात्रा में मोमबत्ती व दीया नहीं मिलने पर लोगों ने अपने घरों की बालकनियों, घरों की मुडेरों से टार्च व मोबाइल जलाकर एक दूसरे को शक्ति देने का एहसास कराया। ज्यादातर लोगों ने अपना मोबाइल जलाकर देश के साथ खड़े होने का संदेश दिया। शहर से लेकर गांव तक दीपोत्सव की धूम रही। लोगों ने रोशनी के माध्यम से एक दूसरे का हौसला बढ़ाते हुए कोरोना को हराने का संकल्प दोहराया। छह साल का रिया ने मोमबत्ती जलाकर कोरोना पर जीत के लिए भगवान से प्रार्थना की।

ग्रामीण क्षेत्रों में भी जले दीपक
शहरों की तरह ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील का असर दिखा। मोमबत्ती और टार्च की रोशनी शिवराजपुर पुलिस के अलावा अन्य गांवों में अंधेरा के बजाए उजेला दिखा। ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं ने कुल देवी देवताओं के साथ ही ग्राम देवताओं के स्थान पर भी दीप जलाकर कोरोना के खात्मे के लिए प्रार्थना की। सिम्मरपुर निवासी राजेश, रवि, कल्लू कुशवाहा समेत अन्य ग्रामीणों ने कहा कि दीपक जलाने से ज्ञान और बीमारियों का नास होता है। रविवार को जिस तरह से लोगों ने अंधेरे को उजेले में बदला इसका परिणाम आने वाले दिनों में अच्छे देखने को मिलेंगे। हमारे देश से कोराना का खात्मा तय हैं।

जनप्रतिनिधियों ने जलाएं दीपक
शहर से सांसद सत्यदेव पचैरी ने पूरे परिवार के साथ घर की बाॅलकानी में घी के दिए जलाकर कोरोना महामारी पर विजय की मन्नत मांगी। मंत्री सतीश महाना ने भी दीपक जला देश के कारोड़ों लोगों के स्वस्थ रहने की कामना की। विधायक सुरेंद्र मैथानी पत्नी संग दीपक जलाए। विधायक ने कहा कि 130 करोड़ जनता जिस तरह से एकजुट होकर रात के 9 बजे 9 मिनट तक दिए जलाए इससे कह सकते हैं कि भारत की कोरोना पर जीत तय हैं। महापौर प्रमिला पांडेय ने भी दीपक जलाकर पूजा-अर्चना कर लोगों के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।

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