कड़ा पहरा
दिल्ली-बंगाल हाईवे को पुलिस ने लाॅकडाउन के चलते सील कर दिया है। जनपद की सीमा महाराजपुर पर 24 घंटे पुलिस का कड़ा पहरा रहता है। पिछले चार दिनों के दौरान इस हाईवे से फतेहपुर, इलाहाबाद, बनारस के साथ ही पच्छिम बंगाल और बीहार जा रहे करीब चार सौ से ज्यादा मजदूरों को पुलिस ने पकड़ा। सभी को एक स्कूल में ठहराया गया है। भोजन के साथ सभी का मेडिकल चेकअप किया गया है। नर्वल एसडीएम ने लाॅकडाउन के चलते सभी को यहां पर रखा गया है। 3 मई के बाद इन्हें वाहनों के जरिए घर भेज दिया जाएगा।
80 लोग आगरा से रवाना
कानपुर पहुंचे मजदूर मूर्ति प्रसाद ने बताया की हम 80 लोग आगरा से पश्चिम बंगाल जाने के लिए एक ट्रक को दो लाख रूपए में बुक किया था। कई शहरों से बचते हुए हम जैसे ही महाराजपुर थानाक्षेत्र में दाखिल हुए तो पुलिस ने हमें रोक लिया। पुलिस-प्रशासन ने हमारा सहयोग किया। सभी का मेडिकल चेकअप के साथ ही रहने-खाने की व्यवस्था कराई। मूर्ति प्रसाद ने बताया कि जिस फैक्ट्री में हमलोग मजदूरी करते थे उसके मालिक ने मार्च का वेतन नहंी दिया। फैक्ट्री में ताला जड़वा कर चलाया गया। जो पैसा पास में था उसके जरिए 24 मार्च से लेकर 13 अप्रैल तक खर्च वहन किया।
फिर ट्रक को किया बुक
एक अन्य मजदूर रामकिशन ने बताया कि लाॅकडाउन 14 अप्रैल को खुलना था। इसी के कारण हमसभी ने किराए के कमरे को छोड़ दिया और एक पार्क में रात गुजारी। लेकिन जब पता चला कि लाॅकडाउन 3 मई तक बढ़ा दिया गया है तो हमसभी परेशान हो गए। तभी हमसभी ने एक ट्रक मालिक से संपर्क किया और कालकाटा जाने को कहा। दो लाख में सौदा तय हुआ। 80 मजदूर ट्रक पर सवार हुए पर मंजिल तक पहुंच पाते उससे पहले कानपुर पुलिस ने हमें पकड़ लिया। तब से स्कूल में रहने को विवश हैं। शासन-प्रशासन से मांग है कि हमें जल्द से जल्द घर भेजा जाए।
400 मजदूर
म्हाराजपुर स्थित काॅलेज परिसर में सोशल डिस्टेंसिग का पालन के तहत मजदूरों को रखा गया है। नर्वल एसडीएम ने बताया की सभी लोगों के भोजन की व्यवस्था की गई है। मजदूरों की थर्मल स्केनिंग कराई गई है। स्केनिंग में किसी की भी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव नहीं आई है। एसडीएम ने बताया कि जैसे ही शासन का आदेश आएगा वैसा ही पालन किया जाएगा। फिलहाल मजदूर अपने-अपने घर जाने को कह रहे हैं। पूरे मामले की जानकारी जिलाप्रशासन के अलाधिकारियों को दे दी गई है।