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39 करोड़ का ब्रह्मावर्त बैंक के अधिकारियों ने किया घोटाला, CEO समेत तेरह पर पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा

locationकानपुरPublished: Nov 13, 2019 11:32:46 am

Submitted by:

Vinod Nigam

2018 में शुरू हुई थी जांच, टीम ने बैंक के सीईओ समेत 13 को पाया दोषी, एसएसपी के आदेश पर गोविंद नगर थाने में एफआईआर, सीओ कर रहे पड़ताल।

39 करोड़ का ब्रह्मावर्त बैंक के अधिकारियों ने किया घोटाला, CEO समेत तेरह पर पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा

39 करोड़ का ब्रह्मावर्त बैंक के अधिकारियों ने किया घोटाला, CEO समेत तेरह पर पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा

कानपुर। बंद हो चुके ब्रह्मावर्त काॅमर्शियल कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड में 39 करोड़ रूपए के घोटाले का मामला सामने आया है। गोविंद नगर पुलिस ने बैंक के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) समेत 13 के खिलाफ धोखाधड़ी व अमानत में खयानत के तहत मुकदमा दर्ज किया है। अब पुलिस पूरे प्रकरण की जांच शुरू कर दी है और जल्द ही कईयों की गिरफ्तारी किसी भी वक्त हो सकती है।

2008 में खुला था बैंक
रतनलाल नगर में ब्रह्मावर्त काॅमर्शियल कोऑपरेटिव बैंक की मुख्य शाखा है। आरोप है कि प्रबंधक व कर्मचारियों ने मिलकर खाता धारकों के करीब 39 करोड़ रुपये का घोटाला किया है। 2008 में रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया से इसे व्यवसाय का लाइसेंस मिला था। ग्राहकों ने बैंक में पैसे जमा कराए। आरोप है कि खाताधारकों के पैसे का जमकर बंदरबांट किया गया। जानकारी होने पर आरबीआई ने ब्रह्मावर्त काॅमर्शियल कोऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया और 3 जुलाई 2018 को इसकी सभी शाखाओं में तालाबंदी हो गई।

जांच टीम बनीं
आरबीआई ने जांच के लिए जुलाई 2018 में अपर जिला सहकारी अधिकारी उमेश कुमार की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम का गठित की थी। टीम में दो अधिकारी सुरेंद्र कुमार वर्मा और अरविंद सिंह को शामिल किया गया था। जुलाई से लेकर दिसंबर 2018 तक टीम ने जांच की। जांच में पाया गया कि खाताधारकों के जमा धन को गबन कर 38,99,09153 रूपए के घोटाला किया गया। जांच टीम ने पूरी रिपोर्ट आरबीआई को भेज दी। आरबीआई के आदेश के बाद आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।

विवादों में रहा नाम
बैंक खुलने के कुछ समय बाद ही यह विवादों में घिर गया था। कानपुर के अलावा आसपास के जिलों के ग्राहकों ने बैंक में करोड़ों रूपए जमा कराए। जिसका अधिकारियों ने दुरूपयोग किया। बचने के बैंक के अधिकारियों ने 2015 में वित्तीय संकट दिखाना शुरू कर दिया। इसके बाद हालात बिगड़ते चले गए और 31 हजार खाताधारकों के करीब 45 करोड़ रुपये फंस गए। जिले में बैंक की 9 शाखाएं थी, लेकिन 6 में तालेबंदी हो गई।

इन्होंने किया गबन
जांच अधिकारी उमेश कुमार के मुताबिक अब जांच में सामने आया है कि रतनलाल नगर निवासी बैंक के सचिव व मुख्य कार्यपालक अधिकारी आशुतोष कुमार मिश्रा, उनकी पत्नी व बैंक की उपमहाप्रबंधक किरण मिश्रा, सहायक महाप्रबंधक बेटे गौरव मिश्रा व उनके साथ ही बैंक के अधिकारी दिनेश कुमार दीक्षित, विजय प्रताप सिंह, केएस त्रिपाठी, संजय त्रिपाठी, संजीव बाजपेई, विनोद कुमार गंगवार, गिरीश अवस्थी, चंद्रमोहन पांडेय, सत्यजीत अवस्थी, अतुल शुक्ला ने वित्तीय अनियमितता कर ग्राहकों के पैसे को अन्य कार्यो में लगाकर अपनी तिजोरी भरी।

गोविंद नगर में मामला दर्ज
इस पर सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंघन सहकारिता की शिकायत परएसएसपी अनंत देव ने गोविंद नगर पुलिस को मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की जांच के बाद गिरफ्तारी के आदेश दिए हैं। सीओ गोविंद नगर आलोक सिंह के मुताबिक एसएसपी आदेश पर बैंक के मुख्य कार्यपालक अधिकारी समेत 13 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। दस्तावेजों की जांच के बाद आगे की कार्रवाई होगी।

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