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कांग्रेसी प्रत्याशियों को सता रहा भितरघात का डर

locationकानपुरPublished: Apr 19, 2019 11:41:37 am

टिकट न मिलने से हैं नाराज, पहुंचा सकते नुकसानभरोसेमंद और परिवार के लोगों पर प्रचार की जिम्मेदारी

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कांग्रेसी प्रत्याशियों को सता रहा भितरघात का डर

कानपुर। महानगर लोकसभा सीट पर वापसी के लिए कांग्रेस ने पूरा जोर लगा दिया है, लेकिन उसे भितरघात की चिंता सता रही है। टिकट न मिलने पर नाराज पार्टी नेता अब प्रत्याशी के खिलाफ क्या दांव खेल सकते हैं, इसे लेकर पार्टी आलाकमान तक उधेड़बुन चल रही है। उन नेताओं पर खास नजर रखी जा रही है जो टिकट न मिलने से नाराज हैं।
महानगर सीट नाक का सवाल
चुनाव में हार-जीत आम बात है, लेकिन इस बार महानगर सीट नाक का सवाल बन गई है। सिर्फ पार्टी के लिए ही नहीं बल्कि प्रत्याशिता की आस लगाए बैठे वे लोग भी इसे अपनी आन से जोड़ बैठे हैं, जिन्हें तमाम कवायदों के बावजूद टिकट नहीं मिला।
मुश्किल से तय हो सके प्रत्याशी
पार्टी ने कानपुर समेत आसपास की सभी सीटों पर प्रत्याशियों का चयन मुश्किल से किया। टिकट की दावेदारी को लेकन जितना उपद्रव कांग्रेस में हुआ उतना कहीं और नहीं दिखा। खासतौर पर महानगर और अकबरपुर सीट पर। दोनों ही सीटों पर पार्टी ने पुराने चेहरों पर दांव लगाया है। अकबरपुर में पूर्व सांसद राजाराम पाल हैं तो महानगर में पार्टी का बड़ा चेहरा माने जाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल हैं।
भरोसेमंद कंधों पर जिम्मेदारी
पार्टी और प्रत्याशी भितरघातियों से निपटने के लिए पार्टी और प्रत्याशियों ने अपने-अपने भरोसेमंद लोगों पर बड़ी जिम्मेदारी सौंप रखी है। प्रचार के दौरान उन नेताओं पर खास नजर रखी जा रही है जो सिर्फ दिखावे के लिए प्रचार में साथ हैं। ये वो लोग हैं जो प्रत्याशी चयन से पहले टिकट को लेकर उछलकूद करते रहे।
नुकसान वाले इलाके चिन्हित
प्रत्याशियों ने अपने खासमखास लोगों से उन इलाकों को चिन्हित कराया है, जहां विरोधी नेताओं का प्रभाव है और वे अपना असर दिखाकर प्रत्याशी को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे इलाकों में प्रचार पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। ताकि वोट बिखरने से रोका जा सके।
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