इस दौरान एसपी साहब यह भूल गए कि थाने का एसओ विधायक का मुख्य आदमी नहीं होता बल्कि जनता के लिए सरकार का कर्मचारी होता है। अब आप खुद ही देखिये कि जिस तरह एसपी महोदय सादी वर्दी में अपने वर्दीधारी पीआरओ के साथ मंच से सम्बोधन कर रहे है। क्या यह एक एसपी के लिए उचित है? विधायक जी के 49वें जन्मदिन की इस पार्टी में वैसे तो जादूगर और संगीत का भी कार्यक्रम था, लेकिन असली नजारा तो तब देखने को मिला, जब मंच पर बार बाला के अश्लील ठुमकों के साथ विधायक के समर्थक सरेआम खुद भी अश्लीलता से कमर मटकाने नजर आए। शायद ये विधायक समर्थक जानते थे, कि जब जिले के कप्तान ही मंच से क्रायक्रम का संचालन कर चुके है, तो हमें रोकने की भला किस पुलिस वाले में हिम्मत होगी। फिलहाल पुलिस द्धारा बीजेपी विधायक की इस चापलूसी से समाजवादी पार्टी को बैठे बिठाये बीजेपी सरकार पर हमला करने का एक मौक़ा मिल गया है।
जब इस संबंध में समाजवादी पार्टी लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय सचिव अभय सिंह यादव से पूंछा तो उन्होंने कहा कि विनोद कटियार जी बीजेपी के विधायक है। लाजमी है, जब सइंया भये कोतवाल तब डर काहे का। फिलहाल उनके कार्यक्रम में पुलिस कप्तान और जिले के आला अफसर वहां व्यवस्था संभल रहे थे, वहा अश्लील डांस चल रहा था। तो समर्थकों को कैसा भय। इस पार्टी को गरीबो और किसानो से कोई सरोकार नहीं है। किसी भी नेता का जन्मदिन या पारिवारिक समारोह का आयोजन कोई गलत नहीं है, लेकिन किसी राजनेता के व्यक्तिगत कार्यक्रम में अगर जिले के शीर्ष पुलिस अधिकारी ही मंच से अपने एसओ को खुद ही सबके सामने विधायक का आदमी कहने लगे तो पुलिस की निष्पक्षता पर से जनता का विश्वाश डावाडोल हो जाएगा।