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कानपुर

खूबसूरती के दम पर रईसजादों को है फंसाती, उत्पीड़न का केस दर्ज करा हड़प लेती रकम

खूबसूरती के दम पर रईसजादों को है फंसाती, उत्पीड़न का केस दर्ज करा हड़प लेती रकम

कानपुरJun 14, 2018 / 05:55 pm

Ruchi Sharma

kanpur

खूबसूरती के दम पर रईसजादों को है फंसाती, उत्पीड़न का केस दर्ज करा हड़प लेती रकम

कानपुर. काकादेव थानाक्षेत्र के रानीगंज निवासी कारोबारी रोहित अग्रवाल की पहली पत्नी से मतभेद के चलते तलाक हो गया। वह अपने पिता व बड़े भाई के साथ रहते हैं। अकेलेपन की जिंदगी से ऊब कर रोहित परेशान रहते लगे। तभी उनकी मुलाकात मूलरूप कन्नौज छिबरामऊ की महिला से हुई। उसने अपना नाम लखनऊ के इंदिरानगर निवासी सिल्की गुप्ता के रूप में रोहित को बताया। रोहित उसकी खूबसूरती को देख अपना दिल दे बैठे और मोबाइल के जरिए कई दिनों तक दोनों के बीच बातचीत होती रही। तभी रोहित ने सिल्की से शादी का प्रपोज कर दिया। उसने भी तत्काल हां कह दिया। दोनों ने शादी कर ली। शादी के बाद सिल्की ने अपना रूप दिखाना शुरू कर दिया। पति व ससुरालवालों के साथ विवाद करने लगी और दहेज उत्पीड़न का मुकदमा थाने में दर्ज करवा पति व जेठ को जेल भिजवा घर में कब्जा कर रहने लगी। पति जमानत से बाहर आया और जालसाज महिला के बारे में जानकारी जुटानी शुरू की तो उसके पैरों से जमीन खिसक गई।
मालूम हुआ है कि यह महिला पहले हुस्न दिखाकर इश्क करती है, फिर करने लगती है घर के सभी लोगों के साथ ही फरेब।


दो पतियों को छोड़ तीसरे को बनाया शिकार

शतिर महिला ने पहली शादी कन्नौज जिले में की थी। शादी के कुछ माह बाद कारोबारी की बीमारी से मौत हो गई। महिला ने पति की धन दौलत लेकर लखनऊ चली आई। चालाक महिला ने इसी दौरान दूसरी शादी राजधानी के नामी कारोबारी के बेटे से की। शादी के बाद शातिर ने पति उसके परिजनों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज करा जेल भिजवा दिया और धन दौलत पर कब्जा कर लिया। कारोबारी की बेटी की मां भी बन गई, बावजूद उसे पति पर रहम नहीं आया। दूसरे पति से महिला का तलाक नहीं हुआ था कि उसने अपना तीसरा शिकार खोज निकाला। महिला पहले पति की बेटी की मां भी है और वह दोनों से इसके बारे में नहीं बताया।

बेटी के चलते हुआ विवाद
रानीगंज निवासी निवासी रोहित अग्रवाल बड़े कारेबारी हैं। अपने पिता व भाई के साथ रहते हैं। रोहित की पहली पत्नी से तलाक हो चुका है। 2015 में उनकी मुलाकात इंदिरानगर निवासी सिल्की गुप्ता से हुई। पहली ही नजर में रोहित उसकी खूबसूरती के कायल हो गए। उसने कारोबारी को अपना नाम पता लगत बताया और खुद के विधवा होने की बात बताई। इसी बीच 22 अक्तूबर 2015 को रोहित और महिला ने कानपुर के बनखंडेश्वर मंदिर में शादी कर ली। इसके बाद वह रोहित के घर रहने लगी। महिला ने पहले पति से बेटी होने की बात छिपाई थी। जब बेटी के बारे में रोहित को बताया तो उसने विरोध किया। इस पर महिला ने कहा, वह मेरे साथ ही रहेगी। यह बात रोहित ने परिवारीजनों को बताई। परिवार न टूटे इसके लिए माता-पिता ने उसे अलग रहने की सलाह दी। इसके बाद दोनों अलग रहने लगे, लेकिन यहां भी रोहित की दिक्कतें कम नहीं हुईं।
न्यायालय की शरण में गए रोहित

आए दिन विवाद से परेशान रोहित ने मार्च 2016 में परिवार न्यायालय में वाद दायर कर दिया। इसके एक महीने के अंदर महिला ने काकादेव थाने में पति सहित पूरे परिवार के खिलाफ दहेज प्रताड़ना की प्राथमिकी दर्ज करा दी। इसके बाद पुलिस ने रोहित और उसके भाई कपिल अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया। यहीं से परिवार के बिखरने का सिलसिला शुरू हो गया। खुद को बचाने के लिए परिवारीजन घर पर ताला लगाकर चले गए हैं। छह मई को रोहित-कपिल की गिरफ्तारी के बाद परिवार छिपकर रहने लगा। इसके ठीक दो दिन बाद जालासाज महिला ने रिश्तेदारों और अपराधियों के साथ मिलकर ससुराल के घर का ताला तोड़ा और अंदर दाखिल हो गई और सारा सामान लेकर चली गई।
ले गई धन-दौलत

रोहित के भाई कपिल की पत्नी रश्मि ने आरोप लगाया कि बहू ने उनकी सास गुलशन अग्रवाल की आलमारी का ताला तोड़कर उसमें रखे 30 लाख के जेवरात, 12 लाख की नकदी, कीमती कपड़े व अन्य सामान भी चुरा लिया। परिवार का आरोप है कि मकान में कब्जा करने के दौरान ही जालसाज बहू के हाथ सास का एटीएम कार्ड भी लग गया। उसने एसबीआई के जीटी रोड के खाते से तीन लाख रुपये निकाल लिए। एक ही एटीएम का लगातार प्रयोग करने पर सीसीटीवी कैमरे में उसकी करतूत भी कैद हो गई। परिवारीजनों ने इसका विरोध किया तो उन्हें जान से मारने की धमकी दी।

जेल भी जा चुकी है महिला

जालसाज महिला राजधानी के विकासनगर थाने से जेल भी जा चुकी है। उसके गर्भवती होने से कोर्ट ने जमानत दे दी थी। विकासनगर थाने में 2008 में क्रेडिट कार्ड बनाकर जालसाजी करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई। इसका खुलासा करते हुए पुलिस ने महिला, उसके पति बिन्सी भाटिया सहित तीन को दबोचा था। पुलिस ने कोर्ट में पेश किया। वहां से तत्काल जेल भेज दिया। इसके बाद महिला ने खुद को गर्भवती बताया, जिस पर जमानत मिली। कुछ दिन बाद बिन्सी भी जेल से रिहा हुआ। इसके बाद वह काफी बीमार हो गया। 2010 में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। जालसाज युवती की तीन शादियों और उनके परिवारीजनों को लूटने का मामला राष्ट्रीय महिला आयोग तक भी पहुंचा। आयोग की सदस्य सुषमा साहू पूरी बात सुनकर अवाक रह गईं। उन्होंने पुलिस को मामले को जल्द से जल्द निस्तारित करने का निर्देश दिया है।

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