पुरानी प्रक्रिया बेहद धीमी
पासपोर्ट बनवाने की मौजूदा प्रक्रिया के तहत पासपोर्ट सेवा केन्द्र में पासपोर्ट के आवेदन का सत्यापन होने के बाद पुलिस से सत्यापन कराया जाता है। फिर केन्द्र से आवेदक के सत्यापन के लिए दस्तावेज को पासपोर्ट कार्यालय से संबंधित जिले के पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में भेजा जाता है। जहां से उन दस्तावेजों को संबंधित थाने में भेजा जाता है। फिर थाने में दस्तावेज के सत्यापन के लिए आवेदक और उसके दो पड़ोसियों के बयान के आधार पर रिपोर्ट तैयार करके पुलिस फाइल वापस पुलिस अधीक्षक कार्यालय भेजती है। मगर इतनी लंबी प्रकिया में कम से कम १५ दिन का समय बर्बाद होता है।
पासपोर्ट बनवाने की मौजूदा प्रक्रिया के तहत पासपोर्ट सेवा केन्द्र में पासपोर्ट के आवेदन का सत्यापन होने के बाद पुलिस से सत्यापन कराया जाता है। फिर केन्द्र से आवेदक के सत्यापन के लिए दस्तावेज को पासपोर्ट कार्यालय से संबंधित जिले के पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में भेजा जाता है। जहां से उन दस्तावेजों को संबंधित थाने में भेजा जाता है। फिर थाने में दस्तावेज के सत्यापन के लिए आवेदक और उसके दो पड़ोसियों के बयान के आधार पर रिपोर्ट तैयार करके पुलिस फाइल वापस पुलिस अधीक्षक कार्यालय भेजती है। मगर इतनी लंबी प्रकिया में कम से कम १५ दिन का समय बर्बाद होता है।
आवेदक के घर पहुंचेगा पासपोर्ट
एम पासपोर्ट एप लागू होने के बाद पुलिस आवेदक के घर जाकर एम पासपोर्ट एप के माध्यम से दस्तावेज का सत्यापन कर मौके से ही अधिकारियों के कार्यालयों में भेज देगी। यहां से रिपोर्ट पासपोर्ट कार्यालय पहुंचेगी और पासपोर्ट सीधे आवेदक के घर पहुंच जाएगा। आने वाले समय में थाने में जो कागजात पहुंचेंगे वह मोबाइल के एम पासपोर्ट एप पर भी उपलब्ध होंगे। पुलिसकर्मियों को उसी एप पर आवेदक के घर जाकर मौके की फोटो खींचकर अपलोड करनी होगी और उसके हस्ताक्षर भी टैब पर करवाने होंगे। पुलिसकर्मी मौके पर आवेदक के दस्तावेजों को टैब में स्कैन करके उन्हें अपलोड कर देगा। एप के जरिए आवेदक पासपोर्ट बनने की स्थिति भी देख सकेंगे। साथ ही मिलने वाली तारीख की भी जानकारी मिलेगी। सत्यापन के लिए किन दस्तावेजों की जरूरत है, इसकी भी जानकारी मिलेगी।
नवंबर से एप शुरू होगा
एपीओ मुकेश कुमार वर्मा का कहना है कि नवम्बर तक एप शुरू होगा तो उसमें भी आवेदक की सत्यापन रिपोर्ट भेजी जाएगी ताकि पुलिस को आसानी हो जाए। उन्होंने बताया कि अधिकांश जिलों में बाहरी लोग रहकर नौकरी करते हैं। ऐसे में उनको भी पासपोर्ट बनवाने के दौरान परेशानी नहीं होगी। आवेदन करने के बाद पुलिस उक्त जिले के संबंधित थाना क्षेत्र व पुलिस अधीक्षक कार्यालय से जांच कराने के बाद अपनी रिपोर्ट लगाएगी। इससे बाहरी लोगों को खासा फायदा भी मिलेगा।
एम पासपोर्ट एप लागू होने के बाद पुलिस आवेदक के घर जाकर एम पासपोर्ट एप के माध्यम से दस्तावेज का सत्यापन कर मौके से ही अधिकारियों के कार्यालयों में भेज देगी। यहां से रिपोर्ट पासपोर्ट कार्यालय पहुंचेगी और पासपोर्ट सीधे आवेदक के घर पहुंच जाएगा। आने वाले समय में थाने में जो कागजात पहुंचेंगे वह मोबाइल के एम पासपोर्ट एप पर भी उपलब्ध होंगे। पुलिसकर्मियों को उसी एप पर आवेदक के घर जाकर मौके की फोटो खींचकर अपलोड करनी होगी और उसके हस्ताक्षर भी टैब पर करवाने होंगे। पुलिसकर्मी मौके पर आवेदक के दस्तावेजों को टैब में स्कैन करके उन्हें अपलोड कर देगा। एप के जरिए आवेदक पासपोर्ट बनने की स्थिति भी देख सकेंगे। साथ ही मिलने वाली तारीख की भी जानकारी मिलेगी। सत्यापन के लिए किन दस्तावेजों की जरूरत है, इसकी भी जानकारी मिलेगी।
नवंबर से एप शुरू होगा
एपीओ मुकेश कुमार वर्मा का कहना है कि नवम्बर तक एप शुरू होगा तो उसमें भी आवेदक की सत्यापन रिपोर्ट भेजी जाएगी ताकि पुलिस को आसानी हो जाए। उन्होंने बताया कि अधिकांश जिलों में बाहरी लोग रहकर नौकरी करते हैं। ऐसे में उनको भी पासपोर्ट बनवाने के दौरान परेशानी नहीं होगी। आवेदन करने के बाद पुलिस उक्त जिले के संबंधित थाना क्षेत्र व पुलिस अधीक्षक कार्यालय से जांच कराने के बाद अपनी रिपोर्ट लगाएगी। इससे बाहरी लोगों को खासा फायदा भी मिलेगा।