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AK-47 के साथ कानपुर में दाखिल हुआ माफिया डॉन मूंछ

locationकानपुरPublished: Jun 07, 2019 01:08:52 pm

Submitted by:

Vinod Nigam

कुख्यात सुशील मूछ को शासन ने प्रशासनिक आधार पर कानपुर नगर जेल स्थानांतरित कर दिया है। मूंछ ने 30 मार्च 2019 को न्यायालय में नाटकीय अंदाज में आत्मसमर्पण कर दिया।

mafia don sushil mustache transferred to kanpur jail

AK-47 के साथ कानपुर में दाखिल हुआ माफिया डॉन मूंछ

कानपुर। जरायम की दुनिया का बेताब बादशाह सुशील मूंछ जिसकी तूती पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बोलती है। इसका नाम सुनकर बड़े-बड़े अफसरों के पसीने छूट जाते हैं। मूंछ ने 30 मार्च 2019 को न्यायालय में नाटकीय अंदाज में आत्मसमर्पण कर दिया था। मूंछ के दोनों बेटे भी अलग-अलग हत्याओं के मामले में जिला जेल में ही बंद हैं। इसी के चलते शासन ने एक गोपनीय रिपोर्ट के बाद उसे उसे कानपुर नगर जेल स्थानांतरित कर दिया है। माफिया को कड़ी सुरक्षावाली बैरक में रखा गया है, जहां एक सब इंस्पेक्टर के अलावा पुलिस के जवान 24 घंटे तैनात रहते हैं।

कौन हैं मूंछ
एक लाख का इनामी सरगना सुशील सिंह उर्फ मूंछ पुत्र चंद्रपाल सिंह रतनपुरी थानाक्षेत्र के गांव मथेड़ी का निवासी है। सुशील को साल 2012 में एसटीएफ की टीम ने खतौली से गिरफ्तार किया था। जिस वक्त सुशील मूंछ को गिरफ्तार किया गया, उस समय उसके साथ एक युवती भी थी। दोनों ही पिंक स्क्वायर माल में फिल्म देखने जा रहे थे। जमानत पर बाहर आने के बाद मूंछ साल 2017 में नई मंडी कोतवाली क्षेत्र में हुए चीकू हत्याकांड, मेरठ के परतापुर क्षेत्र में पिछले साल हुई मां-बेटी की हत्या का सड़यंत्र रचने के मामले में वांछित चल रहा था। आरोपी ने कार्ट में आत्मसमर्पण कर दिया था।

इसके कारण भेजा गया कानपुर
मूंछ के अलग-अलग मामलों में वांछित चल रहे दो बेटे भी नाटकीय अंदाज में न्यायालय में सरेंडर कर जेल चले गए थे। करीब डेढ़ महीना पहले से तीनों बाप-बेटा जिला जेल में साथ रह रहे थे। जिला जेल में तीनों शातिरों का साथ होना जेल प्रशासन को भी खटक रहा था। सूत्रों की मानें तो जेल प्रशासन ने एक गोपनीय रिपोर्ट शासन को प्रेषित करते हुए सारी स्थिति से अवगत कराया था। जिस पर शासन ने प्रशासनिक आधार पर निर्णय लेते हुए सुशील मूंछ का स्थानांतरण कानपुर नगर जेल कर दिया। मूंछ को कड़ी सुरक्षा में जिला जेल से कानपुर जेल लाया गया। उसके साथ पुलिस की विशेष गारद भी लगाई गई थी।

इसके कारण मूंछ पड़ा नाम
बताया जाता है कि सुशील मूंछ के एक नाम नहीं बल्कि तीन-तीन नाम हैं सुशील मूंछ, लगड़ा और प्रधान जी। कहते हैं कि सुशील जिस समय मुजफ्फरनगर के जाट कॉलेज में पढ़ता था। तब उसकी क्लास में दो सुशील थे, जिससे छात्र एक जैसे नाम होने से उलझ जाते थे। तब सुशील के मूंछ होते थे इसी कारण से उसका नाम मूंछ रख दिया गया। वहीं एक बार सुशील मूंछ पर सुरेंद्र कूकड़ा, शोभाराम यादव व उदयवीर कैल ने हमला कर दिया था, तब सुशील का साथी इंद्रपाल मारा गया और सुशील के पैर में गोली लग गई। तब से वह थोड़ा-थोड़ा लंगड़ाया करता था, तभी लगड़ा नाम पड़ा। वहीं मथेड़ी गांव का प्रधान रहने के कारण उसे प्रधान जी भी कहा जाता है।

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