वहीं झींझक नगर में कई श्रद्धालुओं ने समोसा चाय वितरण एवं पूड़ी सब्जी वितरण किया। लोगों ने पर्व को शांति व श्रद्धा के साथ मनाया। आपको बता दें कि मकर संक्रांति पर खिचड़ी खाने के पीछे की क्या कहानी है और यह किस बात का प्रतीक है। दरअसल सनातन धर्म में खिचड़ी में प्रयोग की जाने वाली सामग्रियों को ग्रहों का प्रतीक माना गया है। मान्यता है कि इस खाने से व्यक्ति को तमाम तरह की परेशानियों से राहत मिलती है।
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक खिचड़ी का मुख्य तत्व चावल और जल चंद्रमा के प्रभाव में होता है। इस दिन खिचड़ी में डाली जाने वाली उड़द की दाल का संबंध शनि देव से माना गया है। वहीं हल्दी का संबंध गुरु ग्रह से और हरी सब्जियों का संबंध बुध गृह से माना जाता है। वहीं खिचड़ी में पड़ने वाले घी का संबंध सूर्य देव से होता है। इसके अलावा घी से शुक्र और मंगल भी प्रभावित होते हैं। यही वजह है कि मकर संक्रांति पर खिचड़ी खाने से व्यक्ति रोग से आरोग्य की तरफ बढ़ता है।