खांसते-खांसते गले में फंसा बताशा
सजेती थाना क्षेत्र के हरबसपुर गांव नरेश कुमार सचान (45) ट्रक चलाते थे। परिवार में पत्नी सीमा 2 बेटे और एक बेटी के साथ रहते थे। बुधवार को वह किसी काम से निकले थे और नरेश शाखाहारी के पास चौराहे पर रुक कर पानी के बताशे खाने लगे। इस दौरान खाते खाते ही जैसे ही एक अगला बताशा मुंह में रखा कि वह उनके गले में फंस गया। इसके बाद उन्हें खांसी आने लगी, खांसते-खांसते बेदम हो गए और बेहोश होकर वही गिर पड़े। बेहोश होने के बाद उसपर पानी के छींटे मारी गए, जिसके बाद उन्हें होश तो आया, लेकिन वो सांस नहीं ले पा रहे थे। इसके बाद उन्हें मौके पर घाटमपुर सीएचसी ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
सजेती थाना क्षेत्र के हरबसपुर गांव नरेश कुमार सचान (45) ट्रक चलाते थे। परिवार में पत्नी सीमा 2 बेटे और एक बेटी के साथ रहते थे। बुधवार को वह किसी काम से निकले थे और नरेश शाखाहारी के पास चौराहे पर रुक कर पानी के बताशे खाने लगे। इस दौरान खाते खाते ही जैसे ही एक अगला बताशा मुंह में रखा कि वह उनके गले में फंस गया। इसके बाद उन्हें खांसी आने लगी, खांसते-खांसते बेदम हो गए और बेहोश होकर वही गिर पड़े। बेहोश होने के बाद उसपर पानी के छींटे मारी गए, जिसके बाद उन्हें होश तो आया, लेकिन वो सांस नहीं ले पा रहे थे। इसके बाद उन्हें मौके पर घाटमपुर सीएचसी ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
मुम्बई से पड़ा पानी पूड़ी का शौक-
मृतक के छोटे भाई राजू ने बताया कि भईया नौकरी की तलाश में मुम्बई गए थे। वहां उन्होंने कई साल तक ट्रक चलाया और वहीं से उन्हें पानी के बताशे खाने का शौक चढ़ा। गांव आने के बाद वो कानपुर स्थित एक ट्रांसपोर्ट का ट्रक चलाते थे। वो घर से बताशा खाने की बात कहकर घर से शाखाहारी के लिए निकले थे। इसी दौरान एक बताशा गले में फंस गया और उनकी मौत हो गई। घाटमपुर सीएचसी के डॉक्टर अजीत सचान का कहना है, परिवार के लोग बता रहे हैं कि पानी का बताशा खाने से नरेश की मौत हुई है। आशंका है कि बताशा गले में फंस जाने से सांस नली चोक हो गई हो। एक संभावना यह भी है कि हार्ट अटैक से मौत हुई हो।
मृतक के छोटे भाई राजू ने बताया कि भईया नौकरी की तलाश में मुम्बई गए थे। वहां उन्होंने कई साल तक ट्रक चलाया और वहीं से उन्हें पानी के बताशे खाने का शौक चढ़ा। गांव आने के बाद वो कानपुर स्थित एक ट्रांसपोर्ट का ट्रक चलाते थे। वो घर से बताशा खाने की बात कहकर घर से शाखाहारी के लिए निकले थे। इसी दौरान एक बताशा गले में फंस गया और उनकी मौत हो गई। घाटमपुर सीएचसी के डॉक्टर अजीत सचान का कहना है, परिवार के लोग बता रहे हैं कि पानी का बताशा खाने से नरेश की मौत हुई है। आशंका है कि बताशा गले में फंस जाने से सांस नली चोक हो गई हो। एक संभावना यह भी है कि हार्ट अटैक से मौत हुई हो।
दुकानदार लेकर पहुंचा अस्पताल- शाखाहारी स्थित जिस ठेले से नरेश बताशा खा रहे थे, उसके दुकानदार रवि ने बताया कि वो अक्सर यहीं पर आकर बताशे खाते थे। उन्होंने दस रूपए के बताशे खाने का आर्डर दिया था। चार बताशे वो खा गए और पांचवा बताशा मुंह में रखने के चंद सेकेंड बाद खांसते-खांसते नरेश जमीन पर गिर गए और बेहोश हो गए। हमने मुंह पर पानी छिड़कर उन्हें होश में लाने का प्रयास किया। उन्होंने आंख खोली और इशारा कर अस्पताल ले जाने को कहा। हम उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। दुकान में कई अन्य लोग भी बताशा खा रहे थे और घटना देखकर उनके पैरों तले जमीन खिसक गई।
पोस्टमार्टम में हुआ खुलासा- ड्यूटी पर तैनात सीएचसी के डा. अजीत कुमार ने बताया कि स्वांस नली में गोलगप्पा फंसने से नरेश की मौत की हुई थी। लेकिन आज जब पोस्टमार्टम रिपेर्ट सामने आई तो सीएचसी के डॉक्टर की बात गलत निकली। डॉक्टर अरविंद अवस्थी ने बताया कि युवक के सिर में गंभीर चोट आने के चलते उसकी मौत हुई है। गले व स्वांसनली में गोलगप्पे नहीं पाए गए।