कानपुर

25 ग्राम सल्फास ने शरीर के कई पार्ट किए खराब, जिंदगी-मौत के बीच जारी है आईपीएस की जंग

पत्नी के साथ विवाद के बाद बुधवार की सुबह खाया था जहर, तीन दिन के बाद भी सुरेंद्र दास की हालत नाजुक, देखनें के लिए कानपुर आ रहे हैं यूपी के डीजीपी

कानपुरSep 08, 2018 / 03:35 pm

Vinod Nigam

many organs stopped working of ips surinder das at kanpur

कानपुर। घरेलू विवाद के चलते बुधवार को आईपीएस सुरेंद्र दास ने 25 ग्राम सल्फास खाकर सुसाइड की कोशिश की। हालत बिगड़ने पर उन्हें शहर के रीजेंसी हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। जहां उनकी हालत गंभीर बनीं हुई है। सल्फास ने सुरेंद्र दास के शरीर के कई पार्ट को क्षति पहुंचाई है और इसी के चलते अब डाक्टरों की टीम ने आकस्मिक ऑपरेशन शुरू कर दिया है। डॉक्टर्स की मानें तो आईपीएस की हालत शुक्रवार के मुकाबले शनिवार को ज्यादा खराब हो गई है। उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली के सहारे रखा गया है। दास के एक पैर में ब्लड की सप्लाई नहीं पहुंच रही है। हालत बिगड़ती देख डॉक्टरों की टीम ऑपरेशन करने की तैयारी में जुट गई है। आईपीएस सुरेन्द्र दास की हालत बिगड़ने की जानकारी मिलते ही डीजीपी ओपी सिंह कुछ ही देर में कानपुर पहुंचने वाले हैं। एसएसपी अनन्त देव तिवारी ने डीजीपी के आने की जानकारी दी। एसएसपी ने बताया कि सुरेंद्र दास को ब्लड देने के लिए 20 सिपाही पुलिस लाइन से अस्पताल पहुंचे और ब्लड दिया।

तीन दिन पहले खाया था जहर
कानपुर में एसपी पश्चिम पद पर तैनात आईपीएस सुरेंद्र दास ने बुधवार को घर में सल्फास खाकर आत्महत्या की कोशिश की। उन्हें इजाज के लिए रीजेंसी लाया गया। जहां डॉक्टर्स ने आईपीएस का इलाज शुरू किया, लेकिन दवा के काम नहीं करने पर अस्पताल प्रबंधक ने मुम्बई से डॉक्टर्स की टीम को बुलाया। पिछले 24 घंटे से डॉक्टर्स सुरेंद्र दास का इलाज कर रहे हैं, लेकिन उनकी हालत जस के तस बनी हुई है। जहर के चलते सुरेंद्र दास के शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया है। उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली में रखा गया है। अस्पताल के सीएमएस डॉ. राजेश अग्रवाल ने बताया कि एक्मो मशीन से ऑर्गन्स का डैमेज कंट्रोल किया जा रहा है। ताकि हार्ट और लंग्स को सपोर्ट मिलने पर ज्यादा प्रेशर न पड़े और रिकवरी जल्दी हो। रिकवरी कितनी हुई है, यह एक्मो मशीन हटने के बाद ही बताया जा सकेगा।

वेंटीलेटर पर आईपीएस
रीजेंसी अस्पताल में वेंटीलेटर पर सुरेंद्र की हालत जस की तस है। यहां और मुंबई के डाक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही है। डॉक्टरों ने हालत बेहद नाजुक बताई है। 16 घंटे बाद ही कुछ कह सकेंगे। आईपीएस दास की हालत ज्यादा खराब होने की वजह से आईसीयू में ही ऑपरेशन थियेटर बनाया गया है। अस्पताल के सीएमएस डॉ. राजेश अग्रवाल ने बताया कि इस ऑपरेशन में काफी रिस्क है। ऑपरेशन के दौरान मरीज का काफी खून बह सकता है। साथ ही खून की जरूरत होगी। मरीज के बिगड़े स्वास्थ्य व ऑपरेशन के दुष्परिणाम के बारे में उनके अभिभावकों को बता दिया गया है। अभिभावकों ने ऑपरेशन शुरू करने की बात कही है। जिस पर डॉक्टर्स ने ऑपरेशन शुरू कर दिया है।

गुगल के जरिए चुनी सल्फास
कानपुर एसपी पूर्वी आईपीएस सुरेंद्र कुमार दास पारिवारिक कलह से इतना ऊब गए थे कि हर हाल में जीवन समाप्त करने का फैसला कर लिया था। वह गूगल पर हफ्ते भर से आत्महत्या के तरीकों को सर्च कर रहे थे। तमाम तरीके सर्च करने के बाद उन्होंने ब्लेड से नस काटने और जहर खाकर जान देने पर फोकस किया। ज्यादा दर्द न हो और किसी को पता नहीं चले इसलिए अंत में जहर खाकर जान देने का निर्णय लिया। इन बातों का उनके सरकारी आवास में मिले सुसाइड नोट से हुआ है। एसएसपी अनंत कुमार तिवारी ने बताया कि सुसाइड नोट में पारिवारिक कलह, पत्नी डॉ. रवीना से छोटी-छोटी बातों पर झगड़े का जिक्र है। कई और बातें भी लिखी हैं जिन पर जांच चल रही है। सुरेंद्र ने पत्नी या परिवार के किसी भी सदस्य को सीधे तौर पर जिम्मेदार नहीं ठहराया है। इसे खुद का फैसला बताया है। सात लाइन के पत्र में अंग्रेजी और हिंदी में लिखा है। अंग्रेजी में उन्होंने लिखा है कि एक हफ्ते से वह आत्महत्या का आसान तरीका गूगल पर सर्च कर रहे थे। कई तरीकों के बारे में गूगल पर पढ़ा और वीडियो देखा।

जहर खाने के बाद पत्नी को दिया पत्र
एसएसपी के मुताबिक सुरेंद्र कुमार ने 25 ग्राम सल्फास खाया है। फोरेंसिक टीम को उनके कमरे से सल्फास पाउडर के तीन खाली पाउच मिले हैं। दो 10-10 ग्राम के और एक पांच ग्राम का है। यह मात्रा बहुत है। बकौल एसएसपी, विशेषज्ञ डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि 25 मिलीग्राम सल्फास खाने से ही किसी की मौत हो सकती है। सुरेंद्र ने तो 25 ग्राम खाया है। इतनी डोज से कई लोगों की जान जा सकती है। एसएसपी ने बताया कि जहर खाने के बाद सुरेंद्र कुमार ने पत्नी डॉ.रवीना को सुसाइड नोट पकड़ा दिया था। कहा था कि हमने जहर खाया है, तुमको या किसी और को जिम्मेदार नहीं ठहराया है। यह सुनते ही पत्नी ने कहा कि आप नहीं होंगे तो इस पत्र का हम क्या करेंगे। गुस्से में पत्नी ने पत्र को मोड़कर (गोला बनाकर) कमरे में ही फेंक दिया था। इस पत्र को हैंड राइटिंग एक्सपर्ट के पास जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा जाएगा। इसकी रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

 

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