scriptसीएसए में छात्राओं पर विवि प्रशासन ने लगाई कई बंदिशें | Many restrictions on female students in CSA, resentment | Patrika News

सीएसए में छात्राओं पर विवि प्रशासन ने लगाई कई बंदिशें

locationकानपुरPublished: Sep 12, 2019 10:41:50 am

कमरे में खाना बनाने सहित कोचिंग जाने पर भी लगी रोक परिजनों से मिलने पर भी लगा दिया गया प्रतिबंध

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सीएसए में छात्राओं पर विवि प्रशासन ने लगाई कई बंदिशें

कानपुर। प्रदेश ही नहीं देश के प्रतिष्ठित कृषि विश्वविद्यालय में छात्राओं पर लगाए गए प्रतिबंध को लेकर चर्चा है। कानपुर के चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) प्रशासन ने छात्राओं पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। छात्राओं ने इसे तुगलकी फरमान बताते हुए मानने से इंकार कर दिया है। हॉस्टल में नोटिस चस्पा होते ही हड़कंप मच गया। छात्राएं हॉस्टल से निकल प्रदर्शन करने लगीं। पहले गृह विज्ञान विभाग के बाहर प्रदर्शन किया और फिर जुलूस की शक्ल में मार्च करते हुए कुलपति कार्यालय तक पहुंच गईं।
क्या हैं नए प्रतिबंध
सीएसए प्रशासन के मुताबिक छात्राएं अब शनिवार और रविवार को छोड़कर अन्य दिनों में कभी भी कैंपस छोड़कर बाहर नहीं जा सकतीं। शनिवार और रविवार को भी छात्राओं को सुबह छह बजे से शाम पांच बजे तक ही बाहर जाने की अनुमति होगी। इसके अलावा सुबह अगर किसी छात्रा की कक्षा होगी तो उसे इसके लिए अपने शिक्षक से अनुमति पत्र लाना होगा तभी वह हॉस्टल से बाहर निकल सकेगी। इंटर्नशिप, रावे, इंडस्ट्रीयल टूर के लिए भी तभी अनुमति दी जाएगी जब छात्रा का विभागाध्यक्ष मंजूरी देगा।
आंदोलन की धमकी
इन प्रतिबंधों को लेकर छात्राओं में नाराजगी है। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन पर लड़के और लड़कियों में भेदभाव करने का आरोप लगाया है। कहा कि एक तरफ लड़कों को रात में निकलने की छूट दी जाती है वहीं दूसरी ओर छात्राओं को पढऩे के लिए कोचिंग करने पर भी रोक लगा दी गई है। यहां हॉस्टल की वार्डेन और डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. हरेश प्रताप सिंह ने छात्राओं को समझाने की कोशिश की लेकिन कोई बात नहीं बनी। छात्राओं ने चेतावनी दी की जबतक विश्वविद्यालय प्रशासन अपने फैसले को वापस नहीं लेता तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
पांच बजे के बाद मिलने पर रोक
डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. हरेश प्रताप सिंह की ओर से जारी आदेश के मुताबिक गर्ल्स हॉस्टल में अब शाम पांच बजे के बाद छात्राएं किसी भी बाहरी से नहीं मिल सकतीं। मतलब न तो वह अपने पैरेंट्स से मिल सकती हैं और न ही दोस्तों से। अगर किसी को मिलना होगा तो इसके लिए विशेष अनुमति लेनी होगी। उन्होंने बताया कि छात्राओं की सुरक्षा के मद्देनजर यह कदम उठाए गए हैं। वार्डेन और छात्राओं ने आपस में बैठकर सभी बिंदुओं पर चर्चा कर ली है। कोई विवाद नहीं है।
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