प्रवक्ता हाजी मोहम्मद सलीम ने कहा कि इसमें आधार नंबर और सरकारी रजिस्ट्रेशन को शामिल किया गया है. दोनों को कई कारणों से सलाह दी गई है कि वे सरकारी स्तर पर रजिस्ट्रेशन करा लें और बाद में निकाह की रसीद में इसे दर्ज करा लें. तब यह एक सम्पूर्ण दस्तावेज हो जाएंगे. खास तौर से विदेश जाने के समय इस रसीद का उपयोग हो सकेगा और किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा.
तीन तलाक पर रोक
एक साथ तीन तलाक कहने को भी एक मानने समेत कई ऐसी बातों को भी इसमें शामिल किया गया है. उन्होंने बतायाकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले और केंद्र सरकार के अध्यादेश के बाद त्वरित तलाक अपराध की श्रेणी में लाया गया है. उन्होंने कहा कि कुरआन में तलाक का जो तरीका दिया गया है, उसे ही माने. कुरआन के अनुसार तीन तोहर यानी तीन चरणों में तलाक देने का तरीका सही है.