आईआईटी में इंडस्ट्री एक्सपो के अन्तर्गत आईआईटी के पूर्व छात्रों के स्टार्ट अप में अपने प्रोडक्ट शो करने आए इशांत राजू ने बताया कि भविष्य में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई अब थ्री डी में होगी। यह टेक्नालॉजी विदेशों में इस्तेमाल की जाती है, जिसका असर यह हुआ कि विदेशी शिक्षा तकनीक हमारे देश की शिक्षा प्रणाली से काफी आगे है। अब यहां भी उसी तकनीक का इस्तेमाल किया जाना जरूरी है।
उन्होंने बताया कि यह एक तरह की वर्चुअल टेक्नालॉजी पर आधारित है जिसमें कोई भी चित्र एक एप पर स्कैन कर उसे थ्री डी में देखा जा सकता है या विशेष चश्मा लगाकर उसे थ्री डी इमेज के रूप में हवा में देखा जा सकता है। उन्होंने बताया कि वर्चुअल प्रोटोटाइपिंग पर पिछले दो वर्षों से काम किया जा रहा था। इसमें वर्चुअल रियालिटी को रियल में बदला जा सकता है।
थ्रीडी तकनीक से पढ़ाई के लिए कई विशेष उपकरण तैयार किए गए हैं। जिनके इस्तेमाल से हम स्क्रीन पर दिखने वाले एक इमेज को मोबाइल पर अपनी इच्छा के अनुसार थ्री डी में बदल कर किसी भी रूप में देख सकते हैं। इसी तरह एआर, वीआर और एमआर आदि के माध्यम से हम किसी भी इमेज को न सिर्फ थ्री डी में देख सकते हैं बल्कि उसमें बदलाव भी कर सकते हैं। यह तकनीक इंजीनियरिंग और मेडिकल छात्रों को एक नया अनुभव कराएगी।