मेडिकल कॉलेज के गायनी विभाग की प्रोफेसर डॉ. नीना गुप्ता ने बताया कि प्रेगनेंसी के दौरान रोल ऑफ स्प्रिचुएलिटी एंड योग पर एक स्टडी शुरू करने का प्रस्ताव है, जिस पर एनएचएम से भी बात की गई है. प्रेगनेंसी का पता चलने के साथ ही प्रसूताओं को कुछ योग क्रियाओं के बारे में जानकारी दी जाएगी. इसके बाद डिलीवरी के दौरान इसके फायदों को स्टडी किया जाएगा. अभी डबल ब्लाइंड स्टडी की जाएगी. इसमें दो ग्रुपों में प्रसूताओं पर स्टडी की जाएगी. एक ग्रुप उन महिलाओं का होगा, जिन्होंने योगा नहीं किया और दूसरा जिन्होंने प्रेगनेंसी के दौरान योगा किया. इसमें गायत्री परिवार से भी मदद के लिए बात की जा रही है.
प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को कुछ योगासनों को फायदेमंद माना गया है. जोकि अलग-अलग तरह से प्रसूता को फायदा पहुंचाता है. इसमें एक तितली आसन जोकि लचीलापन बढ़ाने में कारगर रहता है. उष्ट्रासन जोकि रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है. पर्वतासन जोकि प्रेगनेंसी के दौरान कमरदर्द में आराम देता है और एक शवासन जोकि मानसिक शांति के लिए मददगार है.
अपर इंडिया मेटरनिटी हॉस्पिटल की प्रो. नीना गुप्ता कहती हैं कि इस प्रोजेक्ट के लिए शासन और एनएचएम से बात की है. योगा के जरिए प्रसूताओं को डिलीवरी के दौरान होने वाली प्रॉब्लम्स कम हो, इसके लिए यह एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है.