फ्रेशर पार्टी का वीडियो वायरल
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सभी शैक्षिणिक संस्थाओं की तरह जीएसवीएम मेडिकल कालेज ने भी खुद को रैगिंग मुक्त परिसर घोषित किया हुआ है। लेकिन बुधवार को यहां ऑडिटोरियम में पैरा एल-2 बैच के छात्रों ने जूनियर बैच एम-2 के स्वागत के लिए फ्रेशर पार्टी रखी थी। इस दौरान फर्स्ट ईयर के मेडिकल छात्र अपने सिर घुटाए, सिर झुकाकर और अपने हाथ पीछे किए हुए लाइन में आडिटोरियम तक आए। जबकि यूजी गर्ल्स हॉस्टल से छात्राएं दो चोटियां कर पहुंची। इस दौरान प्राचार्य डॉक्टर आरती दवे लालचंदानी भी मौजूद थीं। इसी दौरान पुरे कार्यक्रम का किसी ने वीडियो बना लिया और उसे सोशल मीडिया में वायरल कर दिया, जिसके कारण कॉलेज प्रशासन के अधिकारियों में हड़कंप मच गया।
दो चोटी कर छात्राएं पहुंची
यूजी गर्ल्स हॉस्टल से जुनियर छात्राएं दो चोटियां किए थीं और आगे की तरफ कर रखी थी। सिर झुकाए हुए लाइन में आडिटोरियम तक आईं। बताया गया कि फ्रेशर पाटी में नए छात्र-छात्राओं के लिए यह ड्रेस कोड रखा गया था। जिसके चलते छात्रों ने इस प्रोफेशनल में कदम रखने से पहले अपने सीनियरों के लिए उपहार रूवरूप सिर के बाल मुड़वाए और हाथ पीछे करके आए। कैम्पस के अंदर कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं। हां कुछ लोगों का कहना है कि ये नया ड्रेस कोड लागू किया गया है। जिसके तहत अब छात्रों को इसी तरह से कॉलेज में आना होगा।
सीनियरों ने फूल देकर किया स्वागत
सीनियर छात्र-छात्राएं अपने जूनियरों को 8-10 के ग्रुप में बारी-बारी से आडिटोरियम के पीछ बुलाकर इंट्रोडक्शन लेते रहे। सीनियर छात्राओं और जूनियर छात्राओं को फूल भी दिलाए और दूसरी एक्टिविटी भी कराईं। आडिटोरियम में कुल 190 नवागत छात्र-छात्राओं को अलग बिठाया गया और आसपास 10-12 सीनियर छात्र खड़े रहे। कार्यक्रमों की प्रस्तुति के दौरान छात्र-छात्राएं अपने सीनियरों के इशारे पर कभी तालियां बजाते तो कभी सीटियां बजाते तो कभी अचानक चुप हो जाते। जूनियर छात्र-छात्राओं ने कार्यक्रम पेश किए।
इस लिए मुड़ावाए सिर के बाल
जीएसवीएम मेडिकल कालेज की प्रचार्य डॉक्टर आरती लालचंदानी ने बताया कि जीएसवीएम मेडिकल कालेज में फर्स्ट इयर के छात्र-छात्राओं का सीनियर छात्रों से परिचय कराने के लिये फ्रेशर्स पार्टी का आयोजन एक परम्परा रही है और इस पार्टी का तरंग रखा गया था। इस पार्टी में शामिल होने वाले छात्रों को यूनीफार्म में रहना पड़ता है। इसी के चलते सभी छात्र सिर मुढ़ाए तो छात्राएं दो चोटी करके आई थीं। डॉक्टर आरती कहती हैं कि सिर के बाल मुड़वाने व छात्राओं का चोटी करने से कई फाएदे होते हैं। ऐसा करने से वो संक्रमण से बचे रहेगें। उन्होंने सिर मुड़वाले से आर्म्स फोर्सेस और गुरूकुल की प्रथा का भी हवाला दिया।