सीटें और शिक्षकों की संख्या बढ़ेगी
गरीब सवर्ण आरक्षण लागू करने के लिए कॉलेजों को शिक्षकों और सीटों की संख्या बढ़ानी होगी। इसके अलावा ट्रेनिंग की सुविधाएं, बेड आदि जरूरी सुविधाओं को व्यवस्थित करने के लिए कहा गया है। हर कॉलेज में २५ प्रतिशत सीटें भी बढ़ाई जाएंगी। काउंसिल ने मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों को निर्देश दिए कि वे कोर्सों के हिसाब से सीट मैट्रिक्स तैयार करें।
गरीब सवर्ण आरक्षण लागू करने के लिए कॉलेजों को शिक्षकों और सीटों की संख्या बढ़ानी होगी। इसके अलावा ट्रेनिंग की सुविधाएं, बेड आदि जरूरी सुविधाओं को व्यवस्थित करने के लिए कहा गया है। हर कॉलेज में २५ प्रतिशत सीटें भी बढ़ाई जाएंगी। काउंसिल ने मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों को निर्देश दिए कि वे कोर्सों के हिसाब से सीट मैट्रिक्स तैयार करें।
एमबीबीएस में दो चरणों में होगा लागू
एमबीबीएस के लिए गरीब सवर्ण आरक्षण लागू करने पर फैसला नहीं हो पाया है। काउंसिल इसे एमबीबीएस में दो चरणों में लागू कर सकती है। पहले चरण में पांच और दूसरे चरण में पांच प्रतिशत आरक्षण लागू किया जाएगा। यही फार्मेट आईआईटी में भी लागू किया गया है।
एमबीबीएस के लिए गरीब सवर्ण आरक्षण लागू करने पर फैसला नहीं हो पाया है। काउंसिल इसे एमबीबीएस में दो चरणों में लागू कर सकती है। पहले चरण में पांच और दूसरे चरण में पांच प्रतिशत आरक्षण लागू किया जाएगा। यही फार्मेट आईआईटी में भी लागू किया गया है।
एमबीबीएस के बाद पीजी का मौका
एमबीबीएस के कई छात्र कोर्स पूरा करके सीधे प्रैक्टिस शुरू कर देते हैं। मगर कई वर्षों की प्रैक्टिस के बाद अगर वे पीजी कोर्स करना चाहें तो उन्हें फिर मौका नहीं मिलता। अब काउंसिल ऐसा नियम बनाएगी जिसमें एमबीबीएस के कई सालों बाद भी उन्हें पीजी करने का मौका मिल जाए। इसके लिए पॉलिसी तैयार की जाएगी।
एमबीबीएस के कई छात्र कोर्स पूरा करके सीधे प्रैक्टिस शुरू कर देते हैं। मगर कई वर्षों की प्रैक्टिस के बाद अगर वे पीजी कोर्स करना चाहें तो उन्हें फिर मौका नहीं मिलता। अब काउंसिल ऐसा नियम बनाएगी जिसमें एमबीबीएस के कई सालों बाद भी उन्हें पीजी करने का मौका मिल जाए। इसके लिए पॉलिसी तैयार की जाएगी।
एक समान स्टाइपेंड
एमबीबीएस फाइनल ईयर के छात्रों ने कई बार बराबर स्टाइपेंड न मिलने की शिकायत की है। इस पर काउंसिल ने सख्ती दिखाई और बीओजी की मीटिंग में तय किया गया कि इसे लेकर राष्ट्रीय स्तर पर रेगुलेशन में संशोधन किया जाएगा। ताकि प्राइवेट और सरकारी जगहों पर समान स्टाइपेंड दिया जा सके। इसके लिए राय भी मांगी जाएगी।
एमबीबीएस फाइनल ईयर के छात्रों ने कई बार बराबर स्टाइपेंड न मिलने की शिकायत की है। इस पर काउंसिल ने सख्ती दिखाई और बीओजी की मीटिंग में तय किया गया कि इसे लेकर राष्ट्रीय स्तर पर रेगुलेशन में संशोधन किया जाएगा। ताकि प्राइवेट और सरकारी जगहों पर समान स्टाइपेंड दिया जा सके। इसके लिए राय भी मांगी जाएगी।