श्रृमशक्ति पर चूहों का कब्जा
व्यापारियों की मांग पर रेलवे ने श्रमशक्ति ट्रेन की शुरूआत की थी, कानपुर से दिल्ली के लिए विशेष रूप चलती है। महानगर से आने-जाने वाले यात्रियों के लिए ये विशेष ट्रेन सुविधाजनक मानी जाती है। इसे बाकायदा तैयार भी इसी उद्देश्य से किया गया था कि इसमें यात्रियों को किसी भी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े। लेकिन पिछले कई माह से ट्रेन की बोगियों के अंदर चूहों की आतंक है। देररात की इस ट्रेन में चूहों के आतंक का यात्रियों को सामना करना पड़ा। चूहों ने यात्रियों के सामान व बैग कुतर डाले। यह देख आखिरकार यात्रियों को रेलवे में शिकायत तक करनी पड़ी।
कोच 4 में मचाया उत्पात
यात्रियों ने बताया कि रात में कोच नम्बर बी-4 में चूहों ने उनके सामान को कुतर डाला था। बैगों की हालत ऐसी हो गई थी कि उनको कई कई जगह काट दिया था। एसी कोच में ऐसे हालातों का सामना करने वाले यात्री रेलवे की विशेष सुविधा को कोसते रहे। साथ ही व्यवस्थाओं पर सवाल भी उठाते रहे। यात्री जाकिर ने बताया कि दिल्ली से मैं अपने छोटे भाईयों के लिए टीशर्ट खरीदकर लाया था। एसी कोच के अंदर बैग रखा था। जिसे चूहों ने काट कर टीशर्ट को बर्बाद कर दिया।
दर्ज कराई शिकायत
यात्रियों ने कानपुर सेंट्रल स्टेशन के डायरेक्टर हिंमाशु शेखर उपाध्याय को पूरे मामले की जानकारी दी। जिस पर उन्होंने आरपीएफ व जीआरपी को चूहों को दबोचने के लिए लगाया। जवानों ने ट्रेन के अंदर से चूहों को दबोचकर जंगल में फेंक दिया। डाॅयरेक्टर ने बताया कि चूहे ट्रेन के अंदर अब प्रवेश नहीं कर पाएंगे। इसके लिए रेलवे के कर्मचारियों को सफाई के आदेश दिए गए हैं।