चूहों और छछूंदरों के खिलाफ मौत का जाल बिछाया जाएगा। उन्हें तीन दिन तक सरसों के तेल में भुने हुए चने खिलाए जाएंगे। चौथे दिन उसमें जहरीली दवा मिलाकर दिया जाएगा, जिसे खाकर चूहे और छछूंदर समाप्त हो जाएंगे। यह तैयारियां जिला कृषि रक्षा अधिकारी कार्यालय ने की है। कोरोना के संक्रमण के बाद से स्वास्थ्य विभाग ने संचारी रोगों पर एहतियात बरतना शुरू कर दिया है। सरकारी अस्पतालों और प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे डॉक्टरों को डेंगू, मलेरिया, दिमागी बुखार, प्लेग, स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लिए कमर कसने के निर्देश जारी हुए हैं। स्वास्थ्य समिति की बैठक में भी इसकी चर्चा हुई।
सीएमओ ने जिला कृषि रक्षा अधिकारी आशीष सिंह को संचारी रोगों की रोकने के लिए चूहों और छछूंदरों के खिलाफ जागरुकता अभियान चलाने को कहा। कृषि विभाग हर साल जुलाई में अभियान शुरू करता था, लेकिन कोरोना के खतरे को देखते हुए चार माह पहले से इसे चालू कर दिया है। जिला कृषि रक्षा अधिकारी आशीष कुमार सिंह के मुताबिक 590 ग्राम पंचायतों में अभियान चलेगा। इसके लिए 100 से अधिक प्राविधिक सहायकों की ड्यूटी लगाई गई है।
चूहों को खत्म करने के लिए छह-छह दिन का अभियान चलेगा। जिसमें पहले दिन बिलों की तलाश करके बाहर भुने चने रखे जाएंगे। दूसरे और तीसरे दिन भी बिल के बाहर भुने चने बिखेरे जाएंगे। चौथे दिन भुने चनों में जिंक फॉस्फेट मिलाकर बिल के बाहर रखे जाएंगे। पांचवें दिन मरे हुए चूहों को आबादी से दूर जमीन के अंदर दबाया जाएगा। छठवें दिन बिलों का निरीक्षण कर बंद किया जाएगा।