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कोरोना के चलते चूहों को चने खिलाएगा स्वास्थ्य विभाग, जाल बिछाकर चलेगा यह अभियान

locationकानपुरPublished: Mar 13, 2020 01:45:35 pm

संचारी रोगों को फैलने से रोकने के लिए चूहों की आबादी पर लगेगी रोकछह-छह दिन का अभियान चलाकर मारे जाएंगे चूहे, किया जाएगा जागरूक

कोरोना के चलते चूहों को चने खिलाएगा स्वास्थ्य विभाग, जाल बिछाकर चलेगा यह अभियान

कोरोना के चलते चूहों को चने खिलाएगा स्वास्थ्य विभाग, जाल बिछाकर चलेगा यह अभियान

कानपुर। कोरोना के असर को रोकने के लिए स्वास्थ्य और कृषि विभाग चूहों को चने खिलाएगा। यह चने सरसों के तेल में भुने हुए होंगे, जिससे चूहें इनकी महक से आकर्षित होंगे और चने खाने बिल से बाहर आएंगे। मगर बाद में इन चनों में जहरीली दवा मिलाकर चूहों को मारा जाएगा ताकि उनकी आबादी पर रोक लग सके और उनकी वजह से फैलने वाले संचारी रोगों पर नियंत्रण हो सके। इससे कोरोना के प्रसार पर भी रोक लगाने में मदद मिलेगी। चूहों की वजह से प्लेग होता है। कई और संचारी रोग भी फैलने की आशंका रहती है। इसमें स्क्रब टाइफ्स और स्पायरोसिस रोग शामिल हैं। स्क्रब टाइफ्स में बुखार, शरीर में दाने, तेज खुजली होती है। स्पायरोसिस में सिरदर्द, पेट में दर्द, उल्टी दस्त और तेज बुखार रहता है।
बिछाया जाएगा मौत का जाल
चूहों और छछूंदरों के खिलाफ मौत का जाल बिछाया जाएगा। उन्हें तीन दिन तक सरसों के तेल में भुने हुए चने खिलाए जाएंगे। चौथे दिन उसमें जहरीली दवा मिलाकर दिया जाएगा, जिसे खाकर चूहे और छछूंदर समाप्त हो जाएंगे। यह तैयारियां जिला कृषि रक्षा अधिकारी कार्यालय ने की है। कोरोना के संक्रमण के बाद से स्वास्थ्य विभाग ने संचारी रोगों पर एहतियात बरतना शुरू कर दिया है। सरकारी अस्पतालों और प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे डॉक्टरों को डेंगू, मलेरिया, दिमागी बुखार, प्लेग, स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लिए कमर कसने के निर्देश जारी हुए हैं। स्वास्थ्य समिति की बैठक में भी इसकी चर्चा हुई।
हर साल जुलाई में चलता था अभियान
सीएमओ ने जिला कृषि रक्षा अधिकारी आशीष सिंह को संचारी रोगों की रोकने के लिए चूहों और छछूंदरों के खिलाफ जागरुकता अभियान चलाने को कहा। कृषि विभाग हर साल जुलाई में अभियान शुरू करता था, लेकिन कोरोना के खतरे को देखते हुए चार माह पहले से इसे चालू कर दिया है। जिला कृषि रक्षा अधिकारी आशीष कुमार सिंह के मुताबिक 590 ग्राम पंचायतों में अभियान चलेगा। इसके लिए 100 से अधिक प्राविधिक सहायकों की ड्यूटी लगाई गई है।
छह दिन की पूरी प्लानिंग
चूहों को खत्म करने के लिए छह-छह दिन का अभियान चलेगा। जिसमें पहले दिन बिलों की तलाश करके बाहर भुने चने रखे जाएंगे। दूसरे और तीसरे दिन भी बिल के बाहर भुने चने बिखेरे जाएंगे। चौथे दिन भुने चनों में जिंक फॉस्फेट मिलाकर बिल के बाहर रखे जाएंगे। पांचवें दिन मरे हुए चूहों को आबादी से दूर जमीन के अंदर दबाया जाएगा। छठवें दिन बिलों का निरीक्षण कर बंद किया जाएगा।
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