scriptअनोखी मिसाल: यहां शिवलिंग पर चढ़ा दूध नालियों में नहीं गरीबों के पेट में जाता | Milk offered in Kanpur's Nepali temple is distributed to the poor | Patrika News

अनोखी मिसाल: यहां शिवलिंग पर चढ़ा दूध नालियों में नहीं गरीबों के पेट में जाता

locationकानपुरPublished: Aug 12, 2019 04:58:38 pm

शहर के नेपाली मंदिर कई बातें बनाती हैं इसे अपने आप में खास अनुशासित भक्ति के साथ यहां पर व्यवस्थित ढंग से होता है पूजन

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अनोखी मिसाल: यहां शिवलिंग पर चढ़ा दूध नालियों में नहीं गरीबों के पेट में जाता

कानपुर। सावन का आज अंतिम सोमवार है। पिछले एक महीने से हर रोज शिवपूजन होता रहा, खासतौर पर सोमवार के दिन। पूरे माह शहर के शिवमंदिरों पर लाखों लीटर दूध अर्पित किया गया और सारा दूध नालियों में बह गया, किसी के काम नहीं आया। दूध की ऐसी बर्बादी लगभग हर मंदिर में होती है, लेकिन शहर के नेपाली मंदिर में ठीक इसके उलट शिवलिंग पर चढ़ा सारा दूध नालियों की बजाय गरीबों के पेट में जाता है।
अनुशासन के साथ हर भक्त करता है पूजन
इस मंदिर में पूजन के दौरान जो व्यवस्था दिखती है वह वाकई में काबिलेतारीफ है। यहां कोई हड़बड़ या जल्दबाजी नहीं होती है। लाइन में लगने वाला हर भक्त पूरी तरह अनुशासित रहकर अपनी बारी का इंतजार करता है। सावन में नेपाल की काठमांडू पीठ में 11 दिन का प्रवास कर लौटे विकास नगर स्थित शकुंतला शक्तिपीठ धूनी केंद्र के आचार्य अमरेश कुमार मिश्र ने बताया कि नेपाल की राजधानी काठमांडू में विराजे पशुपतिनाथ की अलौकिक छवि निहारते ही बनती है। मंदिर की व्यवस्था, स्वच्छता, भक्तों का अनुशासन प्रशंसनीय था। उसी तर्ज पर कानपुर के नेपाली मंदिर में व्यवस्थाएं संचालित हैं।
भगवान विष्णु भी विराजमान
आचार्य ने बताया कि प्रवास के हर दिन रुद्राभिषेक करने का सौभाग्य मिला तो मन आनंदित हो उठा। 51 शक्तिपीठों में एक गूहेश्वरी पीठ काठमांडू में है। भगवान विष्णु की लेटी हुई शयन मुद्रा में 16 फीट की मूर्ति लक्ष्मी के साथ स्थापित है। अंतरराष्ट्रीय पोखरा की झील प्राकृतिक सौन्दर्य से सुसज्जित है।

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