खबर कुछ ऐसी है कि खाद्य निरीक्षक ने अख्तर हुसैन, डेयरी के कर्मचारी यतींद्र पाल सिंह और फर्म प्रोपीन प्रोडक्ट लिमिटेड डेयरी डिवीजन भौंती के खिलाफ वाद दायर किया था. इस बारे में वकील वीरेंद्र सिंह गौर ने बताया कि महानगर मजिस्ट्रेट ने दोनों आरोपियों को बरी कर दिया. वहीं फर्म को जिम्मेदार पाते हुए उसपर 2 लाख रुपए का जुर्माना मढ़ा गया.
वहीं एक दूसरे मामले में खाद्य निरीक्षक अजीत सिंह ने वर्ष 1994 में रमईपुर निवासी किराना दुकानदार नफीस से चने की दाल का सैंपल भरा था. कोर्ट ने मामले में 6 महीने सजा और 2,000 रुपए का जुर्माना लगाया. वहीं दूसरी ओर तीसरे मामले में खाद्य निरीक्षक बीएल भारती ने 1996 को सरसौल स्थित नारायण प्रसाद के यहां से आईस कैंडी का सैंपल भरा था. मामले में दोषी पाते हुए कोर्ट ने 6 महीने की जेल और 5,000 रुपए का जुर्माने की सजा सुनाई है.
बता दें कि त्योहार का मौसम करीब आते ही मिलावट खोरों के खिलाफ़ ये वाकई एक सख्त कदम है. ऐसे में सजा पाने वाले उक्त मिलावटखोरों के बेनकाब होने के बाद अब बाजार में खुलेआम घूमने वाले मिलावटखोरों का सतर्क होना बेहद जरूरी है. इसके साथ ही आम लोगों का सर्तक होना भी बेहद जरूरी है ताकि किसी भी तरह की मिलावट के चलते किसी के त्योहारी रंग में कोई भंग न पड़ जाए.