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अमित शाह ने नीलिमा को सौंपी कमान, कानपुर-बुंदेलखंड में खिलाएंगे कमल

locationकानपुरPublished: Sep 15, 2018 01:10:21 pm

Submitted by:

Vinod Nigam

सलिल विश्नोई के बाद ओबीसी चेहरा पर बीजपी ने लगाया दांव, मुलायम के गढ़ में लगाएंगी सेंध

mla nilima Katiyar, UP BJP' General Secretary in kanpur hindi news

अमित शाह ने नीलिमा को सौंपी कमान, कानपुर-बुंदेलखंड में खिलाएंगे कमल

कानपुर। समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बसपा के संभावित गठबंधन के चलते बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की नजर अब यूपी में है और इनकी काट और अपने किलों को बचाने के लिए जातिगत चक्रव्हूह तैयार कर रहे हैं। कानपुर-बंदेलखंड की 10 सीटों फिर से कमल खिलाने के लिए ओबीसी चेहरे कल्याणपुर से विधायक नीलिमा कटियार को सूबे का महामंत्री बनाया है। नीलिमा की मां प्रेमलता कटियार चार दशकों से बीजेपी से जुड़ी हैं और उनकी पकड़ पिछड़ी जाति के मतदताओं में अच्छी मानी जाती है। अब बीजेपी मुलायम सिंह यादव के गढ़ में फिर से कब्जा जमाने के लिए नीलिमा को संगठन में लिया है। बीजेपी से जुड़े लोगों की मानें तो यादव और कुर्मी बाहूल्य सीट कन्नौज से पार्टी अखिलेश के खिलाफ नीलिमा कटियार अहम रोल निभाएंगी। यहां पर करीब पौने दो लाख कुर्मी और इतने ही ब्राम्हण वोटर्स हैं। जबकि यादवों की संख्या करीब साढ़े तीन लाख के आसपास है।

प्रदेश का महामंत्री बनाया
कल्याणपुर विधानसा क्षेत्र से भाजपा ने विधायक नीलिमा कटियार को यूपी बीजेपी का महामंत्री बनाकर उनका कद बढ़ाया है। इसके साथ ही अब नगर में भाजपा के दो प्रदेश महामंत्री हो गए हैं। इसके पहले पूर्व विधायक सलिल विश्नोई को महामंत्री का दायित्व दिया गया था। शहर से दो महामंत्री बनाए जाने के पीछे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि भाजपा का फोकस कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र पर अधिक है। इसके साथ ही भाजपा अपने वोट प्रतिशत में भी इजाफा करना चाहती है। कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र में 10 संसदीय क्षेत्र आते हैं। इनमें से कन्नौज सपा के पास है। भाजपा यहां अपना संगठनात्मक ढांचा मजबूत करके अगले संसदीय चुनाव में सपा से यह सीट छीनना चाहती है। इसके अलावा पिछले चुनाव में जहां भाजपा प्रत्याशियों का वोट प्रतिशत कम रहा है, वहां पार्टी अपने को और मजबूत करेगी। इसके अलावा कानपुर मंडल में सपा मजबूत मानी जाती है। इस वजह से भाजपा संगठन किसी प्रकार की कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहता।

कद्दवार ओबीसी चेहरा
नीलिमा कटियार को राजनीति विरासत में मिली है। उनकी मां प्रेमलता कटियार बीजेपी में पिछले करीब चार दशकों से जुड़ी हैं और पांच बार विधायक व यूपी सरकार में मंत्री रही हैं। उनकी पकड़ ओबीसी वोटर्स पर मानी जाती है। इसी के चलते पार्टी हाईकमान मुलायम सिंह के गढ़ में कमल खिलाने के लिए नीलिमा कटियार को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। पार्टी सूत्रों की मानें तो नीलिमा कटियार को बीजेपी 2019 के लोकसभा चुनाव में कन्नौज से प्रत्याशी बनाकर अखिलेश यादव को कड़ी चुनौती देने की पूरी तैयारी कर ली है। कन्नौज लोकसभा सीट वर्तमान में सपा के कब्जे में है और यहां से डिम्पल यादव सांसद है। 2014 के लोकसभा चुनाव में पहली बार बीजेपी ने मुलायम सिंह के किले को ढहाया था और कन्नौज में डिम्पल यादव चुनाव हारते-हारते जीती थीं।

इस लिए बनाया महामंत्री
इसके साथ ही भाजपा नीलिमा कटियार का कद बढ़ाकर पिछड़ा वर्ग को भी साधना चाहती है। सपा और बसपा भी पिछड़ा वर्ग पर अधिक फोकस कर रही है। इसी वजह से भाजपा दांव खेलकर इन दलों की गणित फेल करना चाहती है। कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र में पिछड़ा वर्ग वोटरों की संख्या अच्छी-खासी है। अगर बुंदलखंड की बात की जाए तो यहां पर दलितों के बाद सबसे ज्यादा वोटर्स पिछड़ी जाति के है। करीब 18 लाख दलित तो 12 लाख पिछड़े जाति के मतदाता लोकसभा की चार सीटों पर हार-जीत में अहम रोल अदा करते हैं। मायावती-अखिलेश के एक साथ आ जाने से बीजेपी किसी बड़े नेता को यहां की जिम्मेदारी देना चाहती थी और इसी के चलते पार्टी नीलिमा पर दांव लगाया है।

10 में 10 सीटों पर जीतेगी पार्टी
न्ीलिमा कटियार ने कहा कि पार्टी ने हमें जो जिम्मेदारी दी है उसे पूरी निष्ठा के साथ निभाऊंगी। 2014 में बीजेपी बहुत कम वोटों से कन्नौज सीट हारी थी। लेकिन लोकसभा चुनाव 2019 में कन्नौज पहली बार कमल खिल कर रहेगा। हम अखिलेश यादव को यहां से हराएंगे। नीलिमा कटियार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी की जनता के बीच लोकप्रियता के चलते विपक्षी दल साथ आ रहे हैं। विपक्षी दी भलीभांति जानते हैं कि बीजपी से अब अकेले मुकाबला नहीं कर सकते और उन्हें अपनी राजनीति खत्म होती दिखाई पड़ रही है। इसी के कारण सभी एक साथ चुनाव में उतर रहे हैं। पर हमें जनता और अपने कार्यकर्ताओं पर पूरा विश्वास है कि कानपुर-बुंदेलखंड की सभी दस में दसों सीटों पर कमल खिल कर रहेगा।

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