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अध्यक्ष की मौजूदगी में विधायक का छलका दर्द, समाजवादी पार्टी के अंदर मौजूद हैं आस्तीन के सांप

locationकानपुरPublished: Apr 21, 2018 01:06:10 pm

Submitted by:

Vinod Nigam

मर्चेट चैंबर हॉल में बैठक के दौरान लगे आरोप-प्रत्यरोप, सपा प्रदेश अध्यक्ष ने जताया रोष

मर्चेट चैंबर हॉल में बैठक के दौरान लगे आरोप-प्रत्यरोप, सपा प्रदेश अध्यक्ष ने जताया रोष
कानपुर। समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम MLC चुने जाने के बाद अपने गृहनगर कानपुर आए। यहां उनका सपा कार्यकर्ताओं ने भव्य स्वागत किया। प्रदेश अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं से एकजुट होकर जमीन पर कार्य करने का आदेश देने के साथ ही भाजपा पर जमकर जुबानी हमला बोला। इसी दौरान सीसामऊ से विधायक इरफान सोलंकी जब संबोधन करने के लिए आए तो उनके चेहरे में खुशी के बजाए नाराजगी दिखी। भरी सभा में उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष से कहा कि पार्टी के अंदर गद्दरों का फौज है, जो आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी को नुकसान पहुंचा सकते हैं। अध्यक्ष जी आस्तीन के सांपों चिन्हित कर दल से बाहर करें। इन्हीं के चलते 2017 के विधानसभा में पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा। शिकायत के बाद भी इन पर पार्टी हाईकमान ने कार्रवाई नहीं की ।हमारी मांग है कि भरतघात करने वालों को दल से बाहर किया जाए। सपा विधायक ि बात सुनकर प्रदेश अध्यक्ष भी दन्ग रह गए और उन्हें आश्वासन दिया कि जल्द ही ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जाएगी।
इरफान ने लगाए आरोप
कानपुर के नौबस्ता निवासी समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष तीसरी बार एमएलसी चुने गए। विधायक चुने जाने के बाद वह शुक्रवार को कानपुर आए। यहां प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम का सम्मान समारोह मर्चेट चैंबर हॉल में आयोजित किया गया। प्रदेश अध्यक्ष जिले पदाधिकारियों के साथ बैठक की और लोकसभा की तैयारियों को लेकर चर्चा की। नरेश उत्तम ने बूथ लेबल पर सदस्यों की नियक्ति के बारे में जानकारी ली और जल्द से जल्द दिए गए टारगेट को पूरा करने का आदेश दिया। इसी दौरान विधायक इरफान सोलंकी ने माइक संभाला तो बोले कि बहुत से लोग दूसरों के सिर पर पैर रखकर आगे बढ़ना चाहते हैं। आस्तीन के सांप हर जगह होते हैं, सपा में भी हैं। उन्होंने बार-बार जोर देकर कहा कि ऐसे लोग मंच पर भी हैं, जिन्होंने मेरी आवाज मोबाइल में रिकॉर्ड कर दूसरों को सुनाई। ऐसे गद्दारों से सचेत रहना है। वह संभल जाएं, क्योंकि ऊपर वाला सब देखता है। इरफान ने सपा प्रदेश अध्यक्ष से इन सांपों से पार्टी से मुक्ति दिलाए जाने की मांग की।
दो खेमों में बंटी है सपा
कानपुर नगर में समाजवादी पार्टी की रार निकाय चुनाव के दौरान खुलकर सामने आ गई थी। टिकट वितरण के दौरान सपा कार्यकर्ताओं ने एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाया और कार्यालय के बाहर हंगामा करते हुए बैनर-पोस्टरों में आग लगा दी थी। कुछ कार्यकर्ताओं ने विधायक इरफान सोलंकी और तत्कालीन जिलाध्यक्ष फजल महमूद पर पैसे लेकर पार्षदी का टिकट देने का आरोप लगाया था। निकाय के बाद अखिलेश यादव ने नगर व देहात अध्यक्ष बदल दिए। नगर की जिम्मेदारी मुईन खान तो ग्रामीण की कुर्सी पर युवा राघवेंद्र सिंह को बैटाया। सपा के लोगों की मानें तो इसी के चलते इरफाल नाराज चल रहे हैं। जबकि दूसरा खेमा खुश नजर आ रहा हैं पार्टी की बैठकों में सपा विधायक इरफान की जगह अमिताभ बाजेपयी को तवज्जो दी जा रही है।
लड़ना नहीं, जीतना लक्ष्य
नरेश उत्तम ने विधायक की बात सुनकर उन्हें भरोसा दिया कि जल्द ही पार्टी में सबकुछ ठीक हो जाएगा। आपस में लड़ने के बजाए भाजपा को हराने के लिए जमीन पर उतरें। प्रदेश अध्यक्ष, बोले कि 1980 में मुलायम सिंह यादव का झंडा लेकर कानपुर से निकला था। मुझे फतेहपुर से माता-पिता ने पढ़ने भेजा, ताकि अफसर बनूं। मगर, आर्थिक-सामाजिक असमानता देख राजनीति से जुड़ना पड़ा। उस दौर में नेताजी मुलायम सिंह ने युवाओं को राजनीति की शिक्षा-दीक्षा दी। उन्होंने कहा कि सपा खराब न हो, इसीलिए उन्होंने अखिलेश यादव को अपना झंडा सौंपा। कहा कि कानपुर में लोकसभा सीट जीतना हमारा लक्ष्य है। यह तभी संभव है, जब कार्यकर्ता अनुशासित रहें।
नाराज हो गए नरेश उत्तम
संबोधन के दौरान प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम मौजूद कार्यकर्ताओं का नाम ले रहे थे। तभी सामने बैठीं आशा गफ्फार ने टोक कर अपना नाम लेने के लिए कहा। इस पर वह नाराज हो गए और कहा कि अनुशासन में रहना चाहिए। इस तरह वक्ता को टोका नहीं जाता। सम्मान समारोह में महिला नेत्री आशा गफ्फार शब्दों की मर्यादा ही भूल गई। मंच से उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए अमर्यादित टिप्पणी की। वहीं, बातों-बातों में नीलम रोमिला सिंह भी पुरुष कार्यकर्ताओं पर अनुशासनहीन होने का आरोप लगा गई। इस पर नरेश उत्तम खासे नाराज हो गए और कहा कि समाजवादी लोग कभी अर्मादित भाषा का प्रयोग नहीं करते। हमें जनता के लिए लड़ना है और उन्हें न्याय मिले, इसके लिए योगी सरकार के अफसरों को घेरना है। आपस में विवाद न करें।
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