संख्या के लिहाज से बनेगी योजना
तय किया गया है कि इन पार्कों का सुंदरीकरण जनता की इच्छा के हिसाब से कराया जाए। साथ ही इस बात का भी आंकलन कराया जाएगा कि उस पार्क में कितनी संख्या में प्रतिदिन लोग आएंगे और फिर इसी हिसाब से उस पार्क का पाथवे और बैठने को बेंच डाली जाएगी। छावनी अफसरों ने बताया कि सभी वार्डों में दो या तीन पार्क हैं। इन पार्कों को विकसित करने का फैसला बोर्ड ने पिछली बैठक में लिया था।
तय किया गया है कि इन पार्कों का सुंदरीकरण जनता की इच्छा के हिसाब से कराया जाए। साथ ही इस बात का भी आंकलन कराया जाएगा कि उस पार्क में कितनी संख्या में प्रतिदिन लोग आएंगे और फिर इसी हिसाब से उस पार्क का पाथवे और बैठने को बेंच डाली जाएगी। छावनी अफसरों ने बताया कि सभी वार्डों में दो या तीन पार्क हैं। इन पार्कों को विकसित करने का फैसला बोर्ड ने पिछली बैठक में लिया था।
बच्चों के मनोरंजन का साधन
छावनी परिषद के उपाध्यक्ष लखन ओमर ने बताया कि पार्कों में कराए जाने वाले सुंदरीकरण से कई फायदे मिलेंगे। एक तो इलाके के लोगों के लिए मनोरंजन का एक साधन ये पार्क बनेंगे। इसके अलावा पार्कों के व्यवस्थित होने से इलाके का रूप भी बदल जाएगा। जिन पार्कों को बच्चों के लिहाज से सुंदरीकृत किया जाएगा, उनमें झूलों आदि की भी व्यवस्था की जाएगी, ताकि बच्चे घर में खेलने की बजाय खुले में आकर खेलने को उत्सुक हों। इससे उनका स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा।
छावनी परिषद के उपाध्यक्ष लखन ओमर ने बताया कि पार्कों में कराए जाने वाले सुंदरीकरण से कई फायदे मिलेंगे। एक तो इलाके के लोगों के लिए मनोरंजन का एक साधन ये पार्क बनेंगे। इसके अलावा पार्कों के व्यवस्थित होने से इलाके का रूप भी बदल जाएगा। जिन पार्कों को बच्चों के लिहाज से सुंदरीकृत किया जाएगा, उनमें झूलों आदि की भी व्यवस्था की जाएगी, ताकि बच्चे घर में खेलने की बजाय खुले में आकर खेलने को उत्सुक हों। इससे उनका स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा।
पार्क को ले सकते हैं गोद
छावनी बोर्ड के अफसरों ने बताया कि इलाके का कोई पार्क आमजन या एनजीओ गोद लेना चाहते हैं तो वह बोर्ड को आवेदन दें। इसके साथ ही सर्वसम्मति से कुछ शर्तों के साथ उन्हें पार्क दे दिया जाएगा। इसके बाद वही लोग देखभाल करेंगे। ऐसे दानवीरों का नाम भी बोर्ड पर अंकित होगा। उस पार्क की पूरी जिम्मेदारी गोद लेने वाले व्यक्ति या संस्था की होगी।
छावनी बोर्ड के अफसरों ने बताया कि इलाके का कोई पार्क आमजन या एनजीओ गोद लेना चाहते हैं तो वह बोर्ड को आवेदन दें। इसके साथ ही सर्वसम्मति से कुछ शर्तों के साथ उन्हें पार्क दे दिया जाएगा। इसके बाद वही लोग देखभाल करेंगे। ऐसे दानवीरों का नाम भी बोर्ड पर अंकित होगा। उस पार्क की पूरी जिम्मेदारी गोद लेने वाले व्यक्ति या संस्था की होगी।