बैंक अफसरों (Bank Officer) का कहना है कि दो हजार के नोट बदलवाने के लिए ग्राहक शाखा आ रहे हैं। इससे ग्राहकों को और भी सुविधा मिलेगी। क्योंकि कई बार ग्राहकों (Bank Grahak) को छोटे नोटों के लिए बैंक आना पड़ता है। इन समस्याओं से ग्राहकों को राहत देने के लिए भी दो हजार के नोट एटीएम में लोड न करने का फैसला लिया गया है। इसके अतिरिक्त देश के कई अन्य बैंकों ने भी ऐसी ही व्यवस्था कर दी है। जैसे सेंट्रल बैंक ऑफ इण्डिया भी अपने एटीएम से दो हजार के नोटों का कैलिब्रेशन खत्म कर रहा है। साथ ही बीओबी (BOB Bank), बीओई (BOI Bank), यूनियन बैंक (UBI Bank) और स्टेट बैंक (SBI Bank) भी एटीएम में सबसे ज्यादा 200 और 500 के नोट लोड कर रहे हैं।
इन बैंकों के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि लंबे समय से आरबीआई से दो हजार के नए नोट नहीं मिले हैं। बाजार से भी शाखाओं में दो हजार के नोट बहुत कम आ रहे हैं। जो आ रहे हैं, उनमें ज्यादातर गंदे और मुड़े हैं। ऐसी करेंसी को एटीएम रिजेक्ट कर देते हैं। इसीलिए दो हजार की जगह पांच सौ के नोटों को कैलिब्रेट किया जा रहा है। आरबीआई (RBI) की रिपोर्ट के मुताबिक लॉकडाउन की वजह से स्थायी रूप से 2000 रुपये के नोट की छपाई रोक दी गई थी। नोटबंदी के बाद मार्च 2017 तक के आंकड़ों के अनुसार, 2,000 रुपये के नोट की संख्या कुल करंसी का 50 फीसदी थी। एक साल के बाद यह 37 फीसदी पर आ गई। फिर 31 फीसदी रह गई। अब 23 फीसदी ही दो हजार के नोट बचे हैं।