भरना होगा दो गुना जुर्माना
बगैर हेलमेट वालों का चालान करने वाले ट्रैफिक इंस्पेक्टर को खुद भी हेलमेट लगाकर चलना होगा। यदि ट्रैफिक इंस्पेक्टर पकड़ा गया तो दोगुना जुर्माना भरना होगा। इसी तरह परिवहन अधिकारियों पर भी शिकंजा कसा गया है। आरटीओ, एआरटीओ यदि गाड़ी ड्राइव करेंगे तो नियमों का पालन करना होगा। खुद वाहन चला रहे हैं तो सीट बेल्ट लगाना होगा। ट्रैफिक सिग्नल का पालन करना होगा। पकड़े गए तो इन्हें भी डबल पेनाल्टी भरनी होगी।
बगैर हेलमेट वालों का चालान करने वाले ट्रैफिक इंस्पेक्टर को खुद भी हेलमेट लगाकर चलना होगा। यदि ट्रैफिक इंस्पेक्टर पकड़ा गया तो दोगुना जुर्माना भरना होगा। इसी तरह परिवहन अधिकारियों पर भी शिकंजा कसा गया है। आरटीओ, एआरटीओ यदि गाड़ी ड्राइव करेंगे तो नियमों का पालन करना होगा। खुद वाहन चला रहे हैं तो सीट बेल्ट लगाना होगा। ट्रैफिक सिग्नल का पालन करना होगा। पकड़े गए तो इन्हें भी डबल पेनाल्टी भरनी होगी।
एक सितंबर से लागू
एक सितंबर से संशोधित मोटर व्हीकल्स एक्ट लागू हो रहा है। इसमें ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर भारी जुर्माने का प्रावधान किया गया है। नए अधिनियम के दायरे में ट्रैफिक, पुलिस, परिवहन अधिकारी और कर्मचारियों की भी जवाबदेही तय की गई है। उन्हें कानून का पालन कराने से पहले खुद कानून पर अमल करना होगा।
एक सितंबर से संशोधित मोटर व्हीकल्स एक्ट लागू हो रहा है। इसमें ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर भारी जुर्माने का प्रावधान किया गया है। नए अधिनियम के दायरे में ट्रैफिक, पुलिस, परिवहन अधिकारी और कर्मचारियों की भी जवाबदेही तय की गई है। उन्हें कानून का पालन कराने से पहले खुद कानून पर अमल करना होगा।
तय की गई जिम्मेदारी
ट्रैफिक नियमों का पालन कराने वालों की भी जवाबदेही एमवी एक्ट 2019 के सेक्शन 210 बी में तय की गई है। अधिनियम में साफ कर दिया गया है कि प्रवर्तन कार्य करने वाला कोई अधिकारी कर्मचारी यदि कानून का उल्लंघन करता मिला तो उसे लापरवाह मानते हुए दोगुना जुर्माना वसूला जाए। यह माना जाएगा कि संबंधित लोक सेवक कानून के प्रति संवेदनशील नहीं है। कोई भी कानून जनता पर लागू करने से पहले उन्हें खुद उसका पालन करना चाहिए।
ट्रैफिक नियमों का पालन कराने वालों की भी जवाबदेही एमवी एक्ट 2019 के सेक्शन 210 बी में तय की गई है। अधिनियम में साफ कर दिया गया है कि प्रवर्तन कार्य करने वाला कोई अधिकारी कर्मचारी यदि कानून का उल्लंघन करता मिला तो उसे लापरवाह मानते हुए दोगुना जुर्माना वसूला जाए। यह माना जाएगा कि संबंधित लोक सेवक कानून के प्रति संवेदनशील नहीं है। कोई भी कानून जनता पर लागू करने से पहले उन्हें खुद उसका पालन करना चाहिए।