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जीएसवीएम कॉलेज में लगेगी MRI मशीन

locationकानपुरPublished: Mar 29, 2016 03:56:00 pm

Submitted by:

Ruchi Sharma

जीएसवीएम कॉलेज में अत्याधुनिक मशीनें न होने पर एक्सरे व अल्ट्रासाउंड मशीनों से ही छात्रों को प्रशिक्षित किया जाता था

MRI Machine

MRI Machine

कानपुर.जीएसवीएम कॉलेज में अत्याधुनिक मशीनें न होने पर एक्सरे व अल्ट्रासाउंड मशीनों से ही छात्रों को प्रशिक्षित किया जाता था। वहीं हैलट परिसर में वेट लीज अनुबंध पर लाइफ लाइन स्पाइरल प्राइवेट लिमिटेड ने सीटी स्कैन एवं एमआरआई मशीन लगा रखी हैं, लेकिन विभाग का दखल न होने से जेआर को सीटी स्कैन एवं एमआरआई जांच करने की अनुमति नहीं मिलती है। इसे देखते हुए विभागाध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार वर्मा ने प्राचार्य डॉ. नवनीत कुमार के माध्यम से एमआरआई एवं सीटी स्कैन मशीन लगाने को शासन को प्रस्ताव भेजा था।

डॉक्टर अशोक कटियार की मांग मानते हुए प्रचार्य डॉक्टर नवनीत कुमार ने शासन से धनराशि के लिए पत्र लिखा था। जिस पर शासन ने प्रचार्य की मांग स्वीकार कर 6.8 करोड़ रुपए का बजट जारी कर दिया है। अब जल्द ही जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल के रेडियोडायग्नोस्टिक विभाग में जल्द एमआरआई मशीन आएगी। अब औपचारिकताएं पूरी कर सरकारी एमआरआई मशीन पर मरीजों की जांच जुलाई से शुरू होने की उम्मीद है। अभी वेट लीज पर प्राइवेट एजेंसी ने हैलट में एमआरआई मशीन लगा रखी है।जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के रेडियोडायग्नोस्टिक विभाग में सामान्य एक्सरे, डिजिटल एक्सरे व अल्ट्रासाउंड मशीनें हैं। यहां मरीजों की जांच तथा पीजी छात्र पढ़ाई करते हैं। शिक्षकों की मौजूदगी में जूनियर रेजीडेंट इन मशीनों पर प्रैक्टिकल करते हैं।

विभाग में रेडियोलॉजी की दो पीजी सीटें हैं, लेकिन अत्याधुनिक मशीनें न होने पर एक्सरे व अल्ट्रासाउंड मशीनों पर ही प्रशिक्षित हो पाते हैं। दोनों मशीनों के लिए विभाग में 3600 वर्गमीटर जगह उपलब्ध है। अब शासन ने एमआरआई मशीन के लिए 6.8 करोड़ रुपये जारी कर धन प्राचार्य के खाते में ट्रांसफर कर दिया है। प्राचार्य ने विभागीय लोगों को पत्र लिखकर फिलिप्स कंपनी को फंड रिलीज करने को कहा है। प्राचार्य ने बताया कि कंपनी ने मशीन स्थापित कर चालू करने के लिए तीन महीने का समय मांगा है। उनका कहना है कि जुलाई तक एमआरआई जांच शुरू होने की उम्मीद है।

मशीन की स्थापना के अलावा कंपनी डाक्टर्स रूम, चेंजिंग रूम, विजिटिंग एरिया बनाएगी। इसके लिए अलग से कॉरीडोर
भी बनेगा। एमआरआई मशीन की वारंटी पांच साल होगी। इसके अलावा कंपनी पांच साल बाद मशीन को ठेके पर अपग्रेड भी
करेगी। एमआरआई मशीन तो अब जल्द लग जाएगी। सीटी स्कैन मशीन भी जल्द लगवाने के लिए प्रयास करेंगे। डॉक्टर नवनीत कुमार ने बताया कि यहां न्यूरोलाजी, न्यूरो सर्जरी एवं ट्रामा के मरीज आते हैं। निजी कंपनी की मशीन होने से कई बार इमरजेंसी में मरीजों की जांच में दिक्कत होती है। शासन से जल्द से जल्द सीटी स्कैन मशीन मुहैया कराने का आग्रह करेंगे।
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