कुछ इसी तरह गायब थी तस्वीर
पिछले बीजेपी ने दो दिवसीय कार्यसमित की बैठक कानपुर में की थी। उस दौरान भी शहर के सांसद डॉक्टर मुरली मनोहर जोशी को नहीं बुलाया गया था। साथ ही शहरभर में लगे बैनर व पोस्टर्स में डॉक्टर जोशी की तस्वीर पूरी तरह से गायब थी। मीडिया में खबर आने के बाद दूसरे दिन कुछ तस्वीरें बैठक स्थल पर चस्पा की गई थीं। लेकिन भाजयुमो की बैठक के दौरान फिर से पार्टी के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने सांसद की पूरी तरह से मंच से बाहर रखा। जानकारों का मानना है कि 2014 में जब नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर प्रोजेक्ट किया जा रहा था। उस दौरान लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी उनका विरोध करने वालों में शामिल थे। मोदी सरकार के मंत्रिमंडल के चयन के दौरान भी 75 साल की उम्र से अधिक वाली नीति को लाया गया, जिसके कारण जोशी मंत्री नहीं बन सके।
दावेदारी के बाद बढ़ी हचचल
कुछ दिन पहले सांसद डॉक्टर मुरली मनोहर जोशी खामोसी तोड़ते हुए कानपुर से लोकसभा चुनाव लड़ने का संदेश अपने करीबियों के पास भिजवाया था। डॉक्टर जोशी की दावेदारी के बाद बीजेपी के अंदर हलचल बढ़ गई थी। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के दौरे के दौरान पदाधिकारी, विस्ताकर और बूथ प्रमुखों ने खुलकर डॉक्टर जोशी को टिकट नहीं दिए जाने की मांग की थी। भाजयुमो की बैठक के दौरान तस्वीर नहीं लगाए जाना ये भी पार्टी की एक सटीक रणनीति का हिस्सा है। इस मामले पर जब नगर अध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ये बैठक युवा मोर्चे की थी। डॉक्टर जोशी की तस्वीर नहीं लगना कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। वो हमारे दल के वरिष्ठ नेता हैं और उनकी तस्वीर बीजेपी के कार्यकर्ताओं के दिल में हैं।
पीएसआईटी में पहुंचे डॉक्टर जोशी
सांसद जोशी कानपुर में होने के बावजूद कार्यसमिति की बैठक से दूर रहे। वो पीएसआईटी स्थित एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पहुंचे। इस बीच उनसे इस बारे में बातचीत करने की कोशिश की गई, पर उन्होंने बोलने से इंकार कर दिया। सांसद डॉक्टर मुरली मनोहर जोशी कुछ माह पहले जब शहर आए थे, तब उन्होंने कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के अलावा कई लोगों के घर पर व्यक्तिगत रूप से जाकर मुलाकात की थी। इसी तरह लोकसभा क्षेत्र के कई विधायकों से मिलकर आगामी चुनाव की तैयारियों के संबंध में बातचीत की थी। उनके एक करीबी नेता ने बताया कि सांसद जोशी जल्द ही कानपुर आएंगे और अपने लोकसभा क्षेत्र के साउथ इलाके में एक बड़ा आयोजन करेंगे। जिसमें वह यह बताएंगे कि पिछले पांच वर्ष के दौरान शहर में उन्होंने कौन-कौन से विकास कार्य कराए हैं। इसके लिए एक स्मारिका का भी प्रकाशन किया जाएगा। इस स्मारिका में पांच साल के दौरान खर्च की गई कुल सांसद निधि का हिसाब भी दिया जाएगा।
सबसे बड़ी जीत की थी दर्ज
2014 के लोकसभा चुनाव में डज्ञॅक्टर मुरली मनोहर जोशी ने 222946 वोटों के भारी अंतर से जीत दर्ज की थी। डॉक्टर जोशी को 474712 वोट मिले थे, जबिक कांग्रेस प्रत्याशी श्रीप्रकाश जायसवाल को 251766 वोट मिले। 222946 वोट से जीतने वाले डॉक्टर जोशी कानपुर के पहले सांसद बनें। इससे पहले इतने ज्यादा वोटों से किसी भी प्रत्याशी ने जीत दर्ज नहीं की थी। छह लाख ब्राम्हणों का वोट डॉक्टर जोशी को सीधे मिला। इसी के चलते शहर के कद्दावर नेता श्रीप्रकाश जायसवाल को हार उठानी पड़ी थी। साउथ क्षेत्र की सभी सीटों पर बीजपी को बढ़त मिली थी। लेकिन कैंट और सीसामऊ में पूर्वमंत्री डॉम्क्टर जोशी से आगे रहे।