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मर कर फिर से जिंदा हुई आंचल, सलाखों के पीछे पहुंचे कातिल

locationकानपुरPublished: Aug 27, 2018 11:46:15 pm

Submitted by:

Vinod Nigam

दो साल पहले बाहुबली छात्र नेता ने अपहरण कर मौत के घाट उतारा, शव को हमीरपुर स्थित यमुना नदी में बहाया, इंस्पेक्टर अजय सेठ के चलते मिला इंसाफ

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मर कर फिर से जिंदा हुई आंचल, सलाखों के पीछे पहुंचे कातिल

कानपुर। पिता अंडे का ठेला लगा अपनी मासूम बेटी को डॉक्टर बनाना चाहते थे, तो मां अपनी लाड़ली की पढ़ाई में कोई दिक्कत न आए इसके लिए पड़ोसियों के घर में काम कर पैसा कमाती। बेटी भी अपने माता-पिता के परिश्रृम को बर्बाद नहीं होने देना चाहती थी और इसी के चलते वो सिर्फ किताबों में खोई रहती है। लेकिन चकेरी की आंचल ने जैसे सत्रह बरस पूरे किए, वैसे वो परी की तरह दिखने लगी। शोहदों और मनचलों की गंदी निगाहें उस पर पड़नें लगी। बावजूद वो इन सब की परवाह किए बगैर अपने मिशन को आगे बढ़ा रही थी। इसी दौरान क्षेत्र के अपराधी व छात्र नेता बउआ ठाकुर की नजर उस पर पर्ड़ी और यहीं से उसकी जिंदगी की बर्बादी की दास्तां शुरू हो गई। बउआ ठाकुर ने आंचल को रोक कर मोहब्बत का इकरार किया, लेकिन छात्रा ने इस रिश्ते से साफ इंकार कर दिया। बाहुबली छात्र नेता उसके साथ छेड़छाड़ करने लगा तो छात्रा पुलिस में जाकर मुकदमा दर्ज करा दिया। इससे गुस्साए आरोपी ने अपने साथियों की मदद से उसका दो साल पहले अपहरण कर लिया और कार के अंदर गला दबाकर हत्या कर दी। आरोपियों ने उसके शव को शहर से 65 किमी की दूरी पर स्थित यमुना नदी की बीचधारा में फेंक मृतका के परिजनों को गुमराह कर केस को रफा दफा कर लिया।

दो साल पहले की गई थी हत्या
दो साल पहले चकेरी थाना़क्षेत्र निवासी आंचल (17) बीएससी की छात्रा अपने घर से रहस्यमय तरीके से गायब हो गई थी। परिजनों ने थाने में जाकर गुमशुदकी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने जांच पड़ताल के बाद फाइल को बंद कर दिया। लेकिन चकेरी का चार्ज संभालते ही इंस्पेक्टर अजय सेठ ने फिर से आंचल की गुमशुदगी की फाइल खोली और इस पर जांच पड़ताल की तो मामले का खुलाशा हुआ। इंस्पेक्टर अजय सेठ के मुताबिक पूछताछ के दौरान पूछताछ में बउआ ठाकर द्र ने बताया कि हत्या करने के बाद उसने पिंकी की मां की तरफ से उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई। फिर कॉपी लेकर उसे कोर्ट में लगाकर अपने खिलाफ दर्ज छेड़छाड़ का मुकदमा खत्म करा दिया। शासन-सत्ता के बल पर आरोपी ने आंचल की फाइल को भी बंद करा आराम की जिंदगी काट रहा था। पुलिस ने बउआ ठाकुर समेत उसके अन्य साथियों को कोर्ट में पेश कर 14 दिन की रिमांड मांगी है।

रास्ते से कर लिया अपहरण
अजय सेठ ने बताया कि नेताजी नगर निवासी किशन गुप्ता इलाके में अंडे का ठेला लगाते हैं। उनकी बेटी आंचल गुप्ता (17) ने 19 जून 2016 को बाबूपुरवा थाने में गांधी ग्राम चकेरी निवासी डीएवी कॉलेज के छात्रनेता रीतेंद्र उर्फ बउआ ठाकुर और अपने चचेरे भाई दिलीप गुप्ता के खिलाफ छेड़छाड़, मारपीट, गाली-गलौज और धमकी देने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस मामले में उम्र का पता लगाने के लिए आंचल गुप्ता का मेडिकल होना था। इसके लिए बाबूपुरवा पुलिस ने 27 सितंबर 2016 को उसे थाने बुलाया था। 27 को वह थाने जाने के लिए घर से निकली थी। इसका पता चलने पर बउआ ने दोस्त रोहित की मदद से आंचल गुप्ता को बातचीत के लिए कचहरी बुलाया। केडीए कॉलोनी, श्याम नगर निवासी ट्रैवल एजेंसी संचालक दोस्त अनुज सिंह की स्कॉर्पियो लेकर बउआ भी वहां पहुंच गया। दोनों ने कचहरी के पास से पिंकी को गाड़ी में बैठाया और छप्पन भोग चौराहा, श्याम नगर ले गए। बउआ ने पिंकी पर समझौते का दबाव बनाया मगर वह इंकार कर रही थी। इस पर बउआ और उसके दोस्त अनुज ने पिंकी की हत्या करने की साजिश रच डाली।

पैर से लगा दबा कर दिया मर्डर
इंस्पेक्टर अजय सेठ ने बताया कि अनुज ने दोस्त गोलू को अर्टिगा कार लेकर वहां बुलाया। इसके बाद उसने स्कॉर्पियो अनुज को दी और खुद बउआ व पिंकी को लेकर काली फिल्म चढ़ी अर्टिगा में बैठ गया। कार अनुज चला रहा था जबकि बउआ और पिंकी पीछे की सीट पर बैठे थे। रात करीब आठ बजे पिंकी और बउआ में समझौते को लेकर झगड़ा हो गया। इस पर बउआ ने पिंकी को पीटा और कार में ही गिरा दिया। उसका गला पैर से दबा दिया। पिंकी की सांसे थमने के बाद दोनों हमीरपुर गए। वहां पुल से शव यमुना नदी में फेंक दिया। फिर दोनों घर लौट आए और तब से फरार थे। सोमवार को चकेरी पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

कुछ इस तरह से बचा बउआ
इंस्पेक्टर अजय सेट के मुताबिक, बउआ शातिर दिमाग है। उसने हत्या के पहले कार में पिंकी को समझौते के लिए 10 हजार रुपये दिए और इसका वीडियो बना लिया। हत्या करने के बाद अगले दिन वह आंचल गुप्ता के घर पहुंचा। उसकी मां मंजू को वीडियो दिखाकर कहा कि पिंकी से उसका समझौता हो गया है और पिंकी 10 हजार लेकर वैष्णो देवी चली गई है। जब कई दिन तक पिंकी घर नहीं लौटी तो बउआ ने मंजू की तरफ से चकेरी थाने में 12 नवंबर 2016 को उसकी गुमशुदगी दर्ज करा दी। कुछ दिन बाद उसने थाने से गुमशुदगी की कॉपी लेकर खुद के केस में लगाकर कोर्ट से मामला रफा-दफा कर लिया। 26 नवंबर 2016 को विवेचक ने पिंकी की गुमशुदगी को अपहरण में तरमीम कर दिया था। इसी के बाद यह फाइल पिछले दो सालों से नहीं खुली।

आखिरकार आंचल को मिला इंसाफ
अजय सेठ ने बताया कि मामले को दोबारा खोला गया और गुपचुप तरीके से इसकी जांच की गई। जांच के बाद आंचल हत्याकांड की एक-एक कड़ी के सुराग मिलने शुरू हो गए। पूरे एवीडेंस हाथ में आने के बाद बउआ को गिरफ्तार कर लिया गया। पहले उसने अपनी राजनीति में पकड़ बताते हुए रौब दिखाया, लेकिन खाकी के सामने ज्यादा देर तक झूठ नहीं बोल सका और आंचल के मर्डर की बूरी कहानी बयां कर दी। वहीं मृतक के पिता ने बताया कि हमने उस वक्त चेकेरी पुलिस के पास जाकर बउआ ठाकुरी के खिलाफ शिकायत की थी। लेकिन बउआ समाजवादी पार्टी के यूथ बिग्रेड से जुड़ा था और इसी के कारण पुलिस ने उस पर एक्शन नहीं लिया। पर योगी सरकार में मेरी आंचल को एक इनानदार थानेदार के चलते इंसाफ मिल पाया।

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