सामूहिक विवाह समारोह
कठेरुआ गांव में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया। जिसमें 228 जोड़ों की शादी कराई गई। जिसमें 222 हिन्दू तो 6 मुस्लिम समाज के युवक और युवतियों ने एक-दूसरे को कबूल किया। समारोह का अकार्षण का केंद्र साजिदा और किश्मतन की शादी रही। मुस्लिम लिबाज में वर-वधू ने वैदिक मंत्रों के बीच हिंदू रिवाज से वरमाला डाला और फिर उनका निकाह पढ़ा गया। समारोह में मौजूद दोनों समुदाय के लोग साक्षी बने और तालियां बजाकर नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद दिया।
बल्कि सैकड़ों वर्ष पुरानी
हिंदू-मुस्लिम एकता को संदेश देती इस शादी की चर्चा पूरे शहर में रही। इस बीच साजिदा के पिता ने बताया कि हिन्दुस्तान में गंगा-जमुनी की तहजीब आज की नहीं, बल्कि सैकड़ों वर्ष पुरानी है। अंग्रेजों ने हमें लड़वाने के लिए कई प्रयास किए, पर वह सफल नहीं हुए। हिन्दुस्तान एक ऐसा देश है, जहां पर हर इंसान खुश और अपनपसंद हैं। वहीं लड़के के पिता ने बताया बेटा मुस्लिम धर्म के साथ अन्य धर्म को भी मानता है और इसी वजह से उसने पहले सात फेरे लिए और फिर बाद में साजिदा के साथ निकाह किया।
पहले हम इंसान
साजिदा ने कहा कि हिंदुस्तान में जन्म लिया है, वह हिंदू या मुस्लिम नहीं पहले एक इंसान हैं। कहा, जब हम हिंदू, मुस्लिम सिख, ईसाई सभी भाई भाई की बात करते हैं तो एक दूसरे के रिवाज अपनाने में क्या गलत है। वहीं किश्मतन ने बताया कि वह नमाज भी अता करता है तो मंदिर में जाकर माथा टेकर देश में अमनचैन के लिए दुआ मांगता है। किश्मतन ने बताया कि हमारे गांव में सभी लोग मिलजुल कर रहते हैं और एक-दूसरे के पर्व को धूम-धाम के साथ मनाते हैं।