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बिना क्लोरिनेशन और ब्लीचिंग के ही पानी पिला रहा है नगर निगम

locationकानपुरPublished: Sep 11, 2018 10:41:35 am

कानपुर वासियों को नगर निगम और जलकल की ‘साजिश’ की वजह से पीने के पानी के नाम पर ‘जहर’ की सप्लाई की जा रही है. पिछले 3 महीने से नगर निगम में बनी जन प्रयोगशाला में एक भी केमिस्ट नहीं है. इसके चलते शहर में कहीं से भी पानी का सैंपल जांच के लिए कलेक्ट नहीं किया जा रहा है.

Kanpur

बिना क्लोरिनेशन और ब्लीचिंग के ही पानी पिला रहा है नगर निगम

कानपुर। कानपुर वासियों को नगर निगम और जलकल की ‘साजिश’ की वजह से पीने के पानी के नाम पर ‘जहर’ की सप्लाई की जा रही है. पिछले 3 महीने से नगर निगम में बनी जन प्रयोगशाला में एक भी केमिस्ट नहीं है. इसके चलते शहर में कहीं से भी पानी का सैंपल जांच के लिए कलेक्ट नहीं किया जा रहा है. ऐसे में बिना जांच के ही पीने के पानी की सप्लाई लाखों घरों में की जा रही है. जब मामले की पड़ताल की तो मालूम चला कि कानपुर वालों के साथ जमकर धोखा हो रहा है.
लाखों का है ये खेल
पता चला कि जलकल की ओर से पानी की शुद्ध आपूर्ति के लिए उसमें क्लोरिनेशन और ब्लीचिंग की जाती है. इसके लिए हर महीने 20 लाख से ज्यादा का खर्च आता है. पानी में क्लोरीन न मिलाने से उसमें व्याप्त अशुद्धियां मिली रहती हैं. जलकल में भी इसकी जांच की जाती है, लेकिन बजट को जेबों में भरने के लिए रिपोर्ट में सबकुछ सही कर दिया जाता है. इसकी क्रॉस चेकिंग के लिए नगर निगम में केमिस्ट तैनात रहता है, जो हर महीने जलकल द्वारा आपूर्ति किए जा रहे पानी की जांच करता था. ऐसे में जलकल का ‘खेलÓ पकड़ा जाता था और नगर आयुक्त कार्रवाई करते थे.
खाली पड़ा है ऑफिस
मोतीझील कैंपस में ही नगर निगम की जल प्रयोगशाला है. प्रयोगशाला में प्यून को छोड़कर वहां एक भी केमिस्ट नहीं था. बताया गया कि पिछले 3 महीनों से पानी की जांच बंद है. पहले यहां केमिस्ट के तौर पर संजीव यादव मौजूद थे, लेकिन उनका ट्रांसफर होने के बाद तब से यह पद खाली पड़ा है.
इन क्षेत्रों में हो रही दूषित जलापूर्ति

– हूलागंज

– अफीमकोठी

– बर्रा

– ग्वालटोली

– विजय नगर आदि

ऐसा कहते हैं अधिकारी
नगर निगम के स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी डॉ. पंकज श्रीवास्‍तव बताते हैं कि 3 साल पहले केमिस्ट रिटायर हो गए थे. तब से अभी तक कार्यकारिणी की परमीशन से एक केमिस्ट को रखा गया था. उनके जाने के बाद अभी तक कोई कर्मचारी नहीं आया है. जल्द केमिस्ट को अप्वाइंट करने का प्रयास किया जा रहा है. इस वजह से बिना जांच का पानी सप्लाई किया जा रहा है.
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