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पीएम और सीएम पर जमकर गरजे मदनी, कासगंज में बेगुनाहों को पुलिस भेज रही जेल

locationकानपुरPublished: Feb 24, 2018 11:12:21 am

Submitted by:

Vinod Nigam

मर्चेट चेंबर हॉल में दलित एवं अल्पसंख्यक संयुक्त महासम्मेलन में बोले मदनी, जल्द जागरूकता अभियान की करेंगे शुरूआत

National President of Jamiat Ulema Hind Arshad Madani statement
कानपुर। चार साल से देश का एक तबगा डर के छाए में जी रहा है। कभी उसे गाय के नाम पर तो कभी तिरंगे के चलते अपनी जान गवांनी पड़ रही है। दलितों और मुस्लिमों के साथ पीएम मोदी और सीएम योगी भेदभाव कर रहे हैं। कासगंज में जो हुआ उसकी हम निंदा करते हैं, पर यह घटना जिसने रची उसका खुलाशा सबके सामने आ चुका है। किसकी गोली से कौन मरा, शासन-प्रशासन को सब पता है, बावजूद बेगुनाहों को जेल में ठूंसा गया। महिलाओं और बुर्जुगों को पुलिस से पिटवाया गया, उनके आशियानों को जला दिया गया। यह कहां का इंसाफ है। बोले, कुछ लोग कुर्सी के लिए नफरत के बीज बो रहे हैं। प्यार , मोहब्बत से पांच नहीं, 50 साल तक हुकूमत करें तो किसी को एतराज नहीं है लेकिन, आपस में लड़ाकर नफरत फैलाने की राजनीति छोड़ दें, इससे देश टूट जाएगा। यह बात मर्चेट चेंबर हॉल में दलित एवं अल्पसंख्यक संयुक्त महासम्मेलन में जमीयत उलमा िंहद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कानपुर में कही।
कासगंज हिंसा एक सोची-समझी रणनीति
मर्चेट चेंबर हॉल में दलित एवं अल्पसंख्यक संयुक्त महासम्मेलन शिरकत करने के लिए पहुंचे जमीयत उलमा िंहद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कासगंज की घटना का जिक्र कर बेगुनाहों को जेल भेजने का आरोप लगाया गया। मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि कासगंज हिंसा एक सोची-समझी रणनीति के तहत की गई। तिरंगा से मुसलमानों को परहेज नहीं। वह शान से तिरंगा फहराते हैं और उसके लिए मर-मिटने को तैयार हैं। जब से भाजपा सरकार सत्ता में आई है तो लोगों से उसकी राष्ट्रभक्ति पर प्रश्न दाग रही है, जो सरासर गलत है। जो इनकी बात नहीं मानता उसे यह लोग पाकिस्तानी कहकर पुकारते हैं। भाजपा देश को बांटने का काम रही है। सियासत करो पर बांट कर नहीं, दिल को जोड़कर।
जीने का हक छीना जा रहा
मौलाना अरशद मदनी ने कहा, दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत को िंहदू राष्ट्र में बदलने के बारे में सोचना गलत है। देश रूपी इस गुलदस्ते में तरह तरह के फूल खिले हैं। आरोप लगाया कि अल्पसंख्यकों और दलितों से जीने का हक छीना जा रहा है। दलित आरक्षण के कारण आज ऊंचे पदों पर हैं। नफरत की राजनीति करने वालों के हाथ में शक्ति आ गई तो दलितों के दिन भी अच्छे नहीं होंगे। संविधान बदलने की साजिश हो रही है। मौलाना ने केंद्र सरकार पर सवाल दागा कि पुलिस व एयरपोर्ट समेत पूरा सरकारी तंत्र है तो लोग मुल्क की करोड़ों की दौलत लेकर कैसे विदेश भाग जा रहे हैं।
दिल्ली से जागरूकता अभियान की शुरूआत
अखिल भारतीय संघों के परिसंघ के प्रधान महासचिव केपी चौधरी, दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना, सरदार बीएस वालिया, यूनाइटेड क्रिश्चियन कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष भाई निक्सन दास ने इस मौके पर मुस्लिम, दलित, सिख, बौद्ध, ईसाई व जैन के एक संयुक्त महागठजोड़ की घोषणा करते हुए अगले माह दिल्ली से जागरूकता अभियान शुरू करने की बात कही। मौलाना अरशद मदनी ने कहा ने कहा कि अगर भाजपा सोचती है कि वह दलितों और अल्पसंख्यकों के बिना सत्ता ऐसे ही पाती रहेगी तो वह अब नहीं होगा। हम लोगों के पास जाएंगे और उन्हें भाजपा सरकार की कथनी और करनी के बारे में बताएंगे।
ईवीएम से नहीं कराएं मतदान
मदनी ने चुनाव आयोग से मांग की है कि आगामी लोकसभा चुनाव ईवीएम से न कराया जाए। मदनी ने कहा कि विधानसभा और निकाय चुनाव में ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायत मिलीं हैं। वोटर्स के साथ ही राजनीतिकदलों के नेताओं का अब ईवीएम पर भरोसा नहीं रहा। आयोग एक निष्पक्ष संस्था है, इसलिए लोकतंत्र को बनाए रखने के लिए उसे ईवीएम की जगह मतपत्र के जरिए मतदान कराना चाहिए। बहुत से ऐसे विकसित देश हैं, जहां ईवीएम से मतदान नहीं होता।

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