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निकाह के लिए मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का नया इकरारनामा, इस नियम से होंगे अब निकाह

locationकानपुरPublished: Apr 01, 2021 11:32:36 am

Submitted by:

Arvind Kumar Verma

निकाह में सिर्फ बाहर से आने वाले मेहमानों व घर वालों के लिए ही दावत का इंतजाम किए जाने की भी अपील की गई है।

निकाह के लिए मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का नया इकरारनामा, इस नियम से होंगे अब निकाह

निकाह के लिए मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का नया इकरारनामा, इस नियम से होंगे अब निकाह

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
कानपुर. निकाह (Nikah) में फिजूलखर्च एवं दहेज के बहिष्कार (Dahej Bahishkar) को लेकर आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Muslim Personal Law Board) ने अब नई पहल शुरू की। निकाह को आसान बनाने के लिए इकरारनामा (Ikrarnama) जारी किया गया है। इस 11 बिंदुओं वाले इकरारनामे में निकाह में होने वाले बेवजह के खर्च रुकेंगे और सादगी से निकाह संपन्न भी होंगे। इस इकरारनामे के बाद निकाह मैरिज हाल के बजाय मस्जिदों (Masjid) में सादगी से कराए जाएंगे। इसके बाद निकाह में सिर्फ बाहर से आने वाले मेहमानों व घर वालों के लिए ही दावत का इंतजाम किए जाने की भी अपील की गई है।
निकाह में दहेज व फिजूलखर्च जैसी प्रथा को खत्म करने के लिए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने 10 दिवसीय अभियान शुरू किया है। छह अप्रैल तक चलने वाले अभियान के तहत बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सय्यद राबे हसनी नदवी व महासचिव मौलाना वली रहमानी ने इकरारनामा जारी किया है। इकरारनामे का जमीयत उलमा हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी, किछोछा शरीफ के सज्जादानशीन मौलाना फखरुद्दीन जीलानी, जमीयत अहले हदीस हिंद के मौलाना असगर अली इमाम मेहदी सलफी, जमात ए इस्लामी हिंद के अमीर सआदतउल्लाह हुसैनी, मजलिस उलमा ए हिंद के महासचिव मौलाना कल्बे जवाद ने समर्थन किया है।
निकाह में बेकार रस्म-ओ-रिवाज, दहेज की मांग, मांझा (हल्दी की रस्म), रतजगा से परहेज। बरात की रस्म को खत्म करने के लिए मस्जिदों में सादगी से निकाह। निकाह की दावत सिर्फ शहर के बाहर के मेहमानों और घर वालों के लिए। निकाह में शिरकत करेंगे, लेकिन निकाह के बाद खाने की दावत से बचेंगे। वलीमा की दावत सादगी के साथ करेंगे, गरीबों का ख्याल भी रखेंगे। शरीयत के मुताबिक निकाह व दावत-ए-वलीमा का समर्थन करेंगे। निकाह व वलीमा में आतिशबाजी, नाचगाना आदि नहीं होगा। नौजवान अपने निकाह को सादगी के साथ कम खर्च में करेंगे। निकाह के तय वक्त का सख्ती से पालन करेंगे। निकाह के बाद सुन्नत के मुताबिक बीवी से बेहतर सुलूक करेंगे।
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