दरअसल परिषदीय स्कूलों को समुदाय से जोड़ने के अभियान के तहत ये कार्नर विकसित करने की सरकार की यह योजना है। हालांकि योजना शुरुवात के लिए दिसंबर में पत्राचार किया गया था लेकिन फिर किन्हीं कारणों से इस ओर कोई प्रभावी कदम नही उठाया जा सका। इस वजह से परिषदीय स्कूलों में पैरेंट्स कार्नर या काउंटर नही बनाये जा सके, लेकिन बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह ने 2 जनवरी को सभी जिला बेसिक शिक्षाधिकारियों को परिषदीय स्कूलों में नई व्यवस्था शुरू करने निर्देश था। बता दें कि जिले में 1604 प्राथमिक विधालय एवं 674 उच्च प्राथमिक विधालय है। आदेशानुसार इन स्कूलों में योजना के तहत पैरेंट्स कार्नर या काउंटर स्थापना की कवायद शुरू कर दी गयी है।
यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इसी माह स्कूलों में ये काउंटर संचालित कर दिए जाएंगे। इससे यहां से अभिभावकों या फिर अन्य ग्रामीणों को सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी आसानी से मिल सकेगी। जानकारों के अनुसार परिषदीय स्कूलों में खुले पैरेन्ट्स काउंटर पर बैंक, फसल बीमा, राशन कार्ड आदि के आवेदन कार्ड मुहैया होंगे। जबकि शासन की संचालित कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी मिलेगी। योजनाओं के विवरण पत्रक यहां उपलब्ध होंगे। पठन पाठन से जुड़ी जानकारी भी सुलभ होगी। बेसिक शिक्षा विभाग के आंकड़ों पर गौर करे तो लगभग डेढ़ लाख बच्चे परिषदीय स्कूलों में पढ़ते हैं। काउंटर खुलने से बड़े समुदाय को परिषदीय स्कूल से जुड़ने का मौका मिलेगा।