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कोविड-१९: कानपुर में मिल रहे नए संकेत, ऐसा हुआ तो खत्म हो जाएगा कोरोना

locationकानपुरPublished: Apr 11, 2020 02:59:56 pm

लोगों के अंदर समूह प्रतिरोधक क्षमता विकसित होने की संभावना संक्रमण के बावजूद घातक नहीं होगा कोरोना, खत्म होगा वायरस

कोविड-१९: कानपुर में मिल रहे नए संकेत, ऐसा हुआ तो खत्म हो जाएगा कोरोना

कोविड-१९: कानपुर में मिल रहे नए संकेत, ऐसा हुआ तो खत्म हो जाएगा कोरोना

कानपुर। शहर के लोगों के लिए एक राहत भरी खबर है। चिकित्सा विज्ञानिकों को शहर के लोगों में हर्ड इम्युनिटी यानि समूह प्रतिरोधक क्षमता विकसित होने के संकेत मिल रहे हैं। यह वह स्थिति है, जिसमें कोरोना जैसा खतरनाक वायरस भी घातक रूप धारण करने से पहले ही खत्म हो सकता है। दरअसल हैलट और सीएचसी सरसौल में भर्ती रोगियों में कोरोना के लक्षण न उभरने पर चिकित्सा विज्ञानियों ने यह संभावना जताई है।
वैज्ञानिकों को मिल रहे संकेत
विशेषज्ञों का मानना है कि शहर में और भी साइलेंट कैरियर हो सकते हैं जिनकी स्क्रीनिंग न होने से पता नहीं चल सका। इससे शहर के लोगों में समूह प्रतिरोधक क्षमता (हर्ड इम्युनिटी) विकसित होने के संकेत मिल रहे हैं। अगर समूह प्रतिरोधक क्षमता विकसित होने लगी तो कोरोना का खात्मा हो जाएगा। लोगों को संक्रमण तो होगा लेकिन पता ही नहीं चलेगा और वे खुद ठीक हो जाएंगे। डॉक्टरों का कहना है कि अगर जमातियों की जांच न होती तो पता ही नहीं चलता कि वे कोरोना के रोगी हैं। उनमें कोई लक्षण ही नहीं हैं। इसी तरह और भी लोग हो सकते हैं।
खुद भी हो सकते हैं ठीक
जिला महामारी विशेषज्ञ डॉ. देव सिंह का कहना है कि शरीर की प्रतिरोधक क्षमता अगर मजबूत हो तो पता भी नहीं चलता और रोगी ठीक हो सकता है। ऐसे में यह भी माना जा रहा है कि कुछ लोग संक्रमित होने के बाद ठीक भी हो गए होंगे। जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कम होती है उन्हीं के लिए यह घातक हो सकता है। शहर में मिले कोरोना के 11 रोगियों का अध्ययन फिलहाल नजीर के तौर पर किया जा रहा है।
रोगियों में नहीं मिल रहे लक्षण
सरसौल सीएचसी के प्रभारी डॉ. एसएल वर्मा का कहना है कि अभी रोगियों में कोई लक्षण नहीं हैं। 14 दिन पूरे होने के बाद सैंपल जांच के लिए फिर भेजे जाएंगे। उनका कहना है कि रोगियों की इम्युनिटी मजबूत है। वहीं, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की मेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. रिचा गिरि का कहना है कि जनरल स्क्रीनिंग होने पर ही साइलेंट कैरियर का पता चलेगा।
घातक नहीं हो पाता वायरस
विशेषज्ञों के मुताबिक जब बहुत सारे लोगों को किसी मर्ज का संक्रमण हो जाता है तो उसे समूह प्रतिरोधक क्षमता या हर्ड इम्युनिटी कहते हैं। इसे नेचुरल वैक्सीनेशन भी कहा जाता है। इससे हर्ड इम्युनिटी हो जाती है। शरीर में एंटी बॉडीज होने पर रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाती है। इससे रोग सामान्य जुकाम-बुखार की तरह होता है, वह घातक नहीं हो पाता।
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