एकाएक दस गुना तक बढ़ोतरी होने से लोगों के बीच खलबली मची है। बोर्ड अधिकारियों का कहना है कि कई सालों बाद टैक्स बढ़ोतरी सुविधाओं और उपयोग को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। इसके बावजूद किसी कोई आपत्ति है तो वह सीधे आकर सच्चाई बताए तो उसका टैक्स वाजिब कर दिया जाएगा। कर निर्धारण के चल रहे सर्वे के तहत हाउस टैक्स चुकाने वाले करीब आठ हजार करदाताओं को नोटिस भी जारी किए जा रहे हैं।
छावनी परिषद ने कर निर्धारण के नए मानक निर्धारित किए हैं। जिसमें यह देखा जाएगा कि कारोबारी फुटपाथ से लेकर अन्य कितनी सुविधाओं का उपयोग कर रहे हैं और नाली, सड़क, खडंजे का कितना प्रत्यक्ष उपयोग करते हैं। इसके अलावा मकान से कितनी आमदनी हो रही है और खुला एरिया कितना कारोबारी यूज कर रहा है। छावनी परिषद ने वर्ष 2011 से एक रुपए की हाउस टैक्स बढ़ोतरी नहीं की है।
छावनी परिषद में हर तीन साल बाद हाउस टैक्स का निर्धारण होता है। वर्ष 2011 से 2014 और वर्ष 2014 से 2017 तक दो बार इलाके में हाउस टैक्स का निर्धारण नहीं हुआ। मौजूदा समय में वर्ष 2017 से 2020 का कर निर्धारण का सर्वे काम चल रहा है। इसी के तहत कर का निर्धारण भी शुरू कर दिया गया है। नोटिस के बाद भी जो लोग आपत्ति दाखिल करते हैं तो उस पर पुनर्विचार भी किया जाता है।
कानपुर कैंट के अधिशाषी अधिकारी अरविंद द्विवेदी ने बताया कि छावनी इलाके में हाउस टैक्स के चल रहे सर्वे में जिन कारोबारियों या कामर्शियल जमीन का उपयोग करने वालों को जो नोटिसें दी गई हैं, वह कोई अंतिम फैसला नहीं होता है। इस बावत किसी को हाउस टैक्स अधिक लगता है तो वह सीधे दफ्तर आकर अपनी बात रखे। इसके बाद उसका दोबारा सर्वे करके जायज कर का निर्धारण कर दिया जाएगा।