scriptघर में खोल रखी है दुकान, क्लीनिक या कोचिंग सेंटर तो १0 गुना टैक्स भरना पड़ेगा | New rule of house tax in Kanpur Cantonment area | Patrika News

घर में खोल रखी है दुकान, क्लीनिक या कोचिंग सेंटर तो १0 गुना टैक्स भरना पड़ेगा

locationकानपुरPublished: Sep 27, 2019 01:25:13 pm

छावनी परिषद ने आठ साल बाद शुरू की हाउस टैक्स बढ़ाने की तैयारी सर्वे के तहत आठ हजार करदाताओं को जारी किए जा रहे नोटिस

घर में खोल रखी है दुकान, क्लीनिक या कोचिंग सेंटर तो १0 गुना टैक्स भरना पड़ेगा

घर में खोल रखी है दुकान, क्लीनिक या कोचिंग सेंटर तो १0 गुना टैक्स भरना पड़ेगा

कानपुर। अब घर में दुकान, क्लीनिक, कोचिंग सेंटर के अलावा कोई भी व्यावसायिक प्रतिष्ठान होने पर गृहस्वामी को १० गुना टैक्स भरना पड़ेगा। यह निर्णय लिया है छावनी बोर्ड ने। आठ साल बाद छावनी परिषद ने गृहकर बढ़ाने की तैयारी शुरू की है, जिसके तहत कैंट क्षेत्र में रहने वालों पर नया टैक्स का नियम लागू होगा। दूसरी ओर छावनी बोर्ड के उपाध्यक्ष लखन ओमर ने हाउस टैक्स निर्धारण को जनहित के खिलाफ बताया। कहा कि एक साथ इतना कर बढ़ाना किसी कीमत पर सही नहीं है। इसके चलते सांसद सत्यदेव पचौरी को पूरे प्रकरण से अवगत कराया है। एक-दो दिनों में वह भी कुछ पैरोकारी करेंगे।
लोगों में मची खलबली
एकाएक दस गुना तक बढ़ोतरी होने से लोगों के बीच खलबली मची है। बोर्ड अधिकारियों का कहना है कि कई सालों बाद टैक्स बढ़ोतरी सुविधाओं और उपयोग को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। इसके बावजूद किसी कोई आपत्ति है तो वह सीधे आकर सच्चाई बताए तो उसका टैक्स वाजिब कर दिया जाएगा। कर निर्धारण के चल रहे सर्वे के तहत हाउस टैक्स चुकाने वाले करीब आठ हजार करदाताओं को नोटिस भी जारी किए जा रहे हैं।
तय किए गए नए मानक
छावनी परिषद ने कर निर्धारण के नए मानक निर्धारित किए हैं। जिसमें यह देखा जाएगा कि कारोबारी फुटपाथ से लेकर अन्य कितनी सुविधाओं का उपयोग कर रहे हैं और नाली, सड़क, खडंजे का कितना प्रत्यक्ष उपयोग करते हैं। इसके अलावा मकान से कितनी आमदनी हो रही है और खुला एरिया कितना कारोबारी यूज कर रहा है। छावनी परिषद ने वर्ष 2011 से एक रुपए की हाउस टैक्स बढ़ोतरी नहीं की है।
आठ साल से टैक्स जस का तस
छावनी परिषद में हर तीन साल बाद हाउस टैक्स का निर्धारण होता है। वर्ष 2011 से 2014 और वर्ष 2014 से 2017 तक दो बार इलाके में हाउस टैक्स का निर्धारण नहीं हुआ। मौजूदा समय में वर्ष 2017 से 2020 का कर निर्धारण का सर्वे काम चल रहा है। इसी के तहत कर का निर्धारण भी शुरू कर दिया गया है। नोटिस के बाद भी जो लोग आपत्ति दाखिल करते हैं तो उस पर पुनर्विचार भी किया जाता है।
दफ्तर आकर बताएं सच्चाई
कानपुर कैंट के अधिशाषी अधिकारी अरविंद द्विवेदी ने बताया कि छावनी इलाके में हाउस टैक्स के चल रहे सर्वे में जिन कारोबारियों या कामर्शियल जमीन का उपयोग करने वालों को जो नोटिसें दी गई हैं, वह कोई अंतिम फैसला नहीं होता है। इस बावत किसी को हाउस टैक्स अधिक लगता है तो वह सीधे दफ्तर आकर अपनी बात रखे। इसके बाद उसका दोबारा सर्वे करके जायज कर का निर्धारण कर दिया जाएगा।
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