केंद्र सरकार जाजमऊ में स्थापित टेनरियों को नए तरीके से और बिना किसी रुकावट के चलाने की योजना पर सरकार काम कर रही है। इस योजना के पूरी तरह से शुरू होने में दो वर्ष का समय लग सकता है। प्रदेश सरकार भी चाहती है कि प्रदेश को बड़ा राजस्व और रोजगार देने वाला कानपुर का चमड़ा उद्योग भी आगे बढ़े और और चमड़ा उद्योग की वजह से गंगा किसी भी तरह से प्रभावित नहीं होने पाए। इसके लिए टेनरियों के लिए खास तकनीक से लैस ट्रीटमेंट प्लांट भी लगाया जाएगा।
टेनरियों के लिए पहली बार बनाए जाने वाले ट्रीटमेंट प्लांट से गंगा में बहाए जाने वाले प्रदूषित कचरे पर प्रतिबंध रहेगा। इसमें अल्ट्रा फिल्ट्रेशन (अत्याधुनिक शोधन) की उच्च तकनीक का इस्तेमाल होगा। इससे प्रदूषित कचरे को कई स्तर से शोधित करने के बाद बाहर निकाला जाएगा। शोधित पानी पूरी तरह से सामान्य पानी जैसा होगा। इसी तरह प्लांट के पास ही एक लैब भी स्थापित की जाएगी, जो 24 घंटे प्लांट से निकलने वाले पानी की टेस्टिंग करती रहेगी। जैसे ही उसमें किसी तरह के प्रदूषित कण मिलेंगे तत्काल अलार्म बजने लगेगा।
सर्किट हाउस में जिलाधिकारी और मंडलायुक्त के साथ बैठक में भी मंत्री महाना ने बंद टेनरियों को जल्दी खुलवाने को लेकर सभी जरूरी उपाय कराने के निर्देश दिए हैं। संभावना है कि जुलाई में टेनरियों को खोलने का निर्देश मुख्यमंत्री की तरफ से दिया जा सकता है। उधर दिल्ली में आयोजित बैठक में शामिल होने गए प्रदेश के औद्योगिक विकास और लघु, मध्यम, सूक्ष्म उद्योग मंत्री सतीश महाना ने बताया कि चमड़ा उद्योग को नया स्वरूप देने और टेनरियों को सही तरीके से संचालन को लेकर सरकार काम कर रही है।